जौनपुर/ बदलापुर जौनपुर के बदलापुर में दलितों पर
पुलिसिया कहर 4-5 महिलाओं को कपड़ा उतारकर बेहरमी से पीटा, बदलापुर पुलिस के कारनामों से पीडि़त परिवार दहशत में
जौनपुर बदलापुर थाना क्षेत्र के रहने वाली दलित महिलाओं पर पुलिसिया कहर की दांस्ता सुनकर आप हैरान रह जायेंगे। पुलिस का इतना क्रूर चेहरा देखने से तो यही लगता है कि जौनपुर में खाकी की गुंडई अपने चरम पर है। पुलिस कप्तान को अपनी व्यथा सुनाने के लिए आई महिलाओं ने बताया कि गांव के ही कुछ लोगों से विवाद हो गया था। विवाद के बाद विपक्षी पक्ष के लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए महिलाओं के साथ नाबालिग बच्चों को इतनी बुरी तरह से कपड़ा उतारकर इतना पीटा कि उनकी चमड़ी काली हो गई। अब देखना ये होगा कि बेलगाम पुलिस पर कप्तान क्या कार्यवाही करते हैं। महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने घर में घुसकर हम लोगों को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बुरी तरह से पीटा है और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी तक दी है। विदित हो कि थाना बदलापुर के ग्राम देवरिया निवासी शीला पत्नी राम प्रसाद ने एक प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक को देकर न्याय की गुहार लगाई है। महिला का आरोप है कि बस्ती के समीप बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करके चबूतरा बनवा दिये है जिससे बस्ती के राधा पुत्री जियालाल, जियालाल पुत्र बुद्धू आदि रंजिश रखने लगे। 20 मार्च की सुबह करीब 8 बजे बस्ती के दबंग अजय दुबे पुत्र सत्यनारायण दूबे के उकसाने पर मेरी नाबालिग पुत्री अंजली उम्र 15 साल व अन्य बच्चे चबूतरे से होकर जा रहे थे कि उसी समय दीपक, संदीप पुत्रगण बंशी गालियां देते हुए अश£ील हरकत करने लगे।
शोर सुनकर जब मै वहां पहुंची तो देखा कि जियालाल पुत्र बुद्धू, अशोक, संजय पुत्रगण राजपति, प्रमिला पत्नी संजय, सरोज पत्नी अशोक, रतनलाल पुत्र रामराज, दीपक, संदीप पुत्रगण बंशी, उर्मिला पत्नी रतनलाल, राधा पुत्री जियालल निवासी देवरिया थाना बदलापुर लाठी डंडे से प्रार्थिनी की पुत्री को मारने जा रहे थे। इसी बीच विरोधियों ने संबंधित थाने की पुलिस को बुला लिया। पुलिस आते ही मुझे और मेरे परिवार को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां दी। पीडि़त महिला ने उक्त मामले में जांच करवाकर उचित कार्यवाही की मांग की है।