डीएम साहिबा आखिर टिकरिया प्रधान और पंचायत सचिव को किसने दे रखा है भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस
शासन की योजना पात्रों को न देकर अपात्रो पर लुटाया जा रहा दूबेपुर ब्लाक के टिकरिया गांव में
सुलतानपुर। विकासवाद की राजनीति की नई लकीर खींच रही मोदी सरकार ने बेशक, बजट में चुनावी रेवड़ियां नहीं बांटीं, लेकिन पार्टी का ‘अंत्योदय’ का सिद्धांत उसके लिए सफलता का सूत्र जरूर साबित हो रहा है। गरीब कल्याण को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए सरकार ने इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 प्रतिशत बजट आवंटन बढ़ाया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के आवासों के लिए ज्यादा पैसा दिया गया है।
रणनीति स्पष्ट है कि जब भाजपा 2024 में लोकसभा चुनाव के मैदान में होगी, तब लगभग तीन करोड़ से अधिक परिवार उसकी गरीब कल्याण की नीति पर संतुष्टि और सहमति की मुहर लगा रहे होंगे। कभी शहरी क्षेत्र की पार्टी कही जाने वाली भाजपा ने 2014 में सत्ता में आने के बाद राजनीति की दिशा को गांव, गरीब और वंचितों की ओर खास तौर पर मोड़ा। इसका परिणाम उसकी लगातार बंपर जीत के रूप में सामने भी आया। गरीबों के लिए जन-धन खातों, किसानों को सम्मान निधि, मुफ्त अनाज, मुफ्त बिजली कनेक्शन, रसोई गैस सिलेंडर से लेकर यह संकल्प भी ले लिया कि 2024 तक हर गरीब को प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्की छत मुहैया कराई जाएगी।
लेकिन दूबेपुर ब्लाक के टिकरिया गांव में तैनात पंचायत सचिव अनीता श्रीवास्तव और प्रधान मंजू देवी* शासन की योजनाओं को पलीता लगाते हुए अपना अलग कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं,दर असल टिकरिया गांव में शासन की मंशा अनुसार गरीबों को मिलने वाला आशियाना अमीरों में दिल खोलकर लुटाया गया, लेकिन सोचने पर मजबूर करने वाली बात तो ये है कि जो आवास गरीबों को मिलना चाहिए उसे अमीरों को क्यों दिया गया? इसका जबाव किसी के पास भी नहीं है, क्या ये जांच की विषय नहीं है।
आखिर कौन देता है इन भ्रष्टाचारियों को संरक्षण
उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है, लेकिन फिर भी लोग अपनी आदतों से बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं, ऐसे भ्रष्टाचारियों को आखिरी संरक्षण कौन दे रहा है जो इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है जबकि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचारी और अपराधी चाहे कोई भी क्यों न हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन दूबेपुर ब्लाक के टिकरिया प्रधान प्रतिनिधि अनिरुद्ध यादव और पंचायत सचिव अनीता श्रीवास्तव अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है जो भ्रष्टाचार में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस नीति को पलीता लगाने में प्रधान प्रतिनिधि अनिरुद्ध यादव और पंचायत सचिव अनीता श्रीवास्तव के साथ-साथ स्थानीय ब्लाक कर्मचारी भी है।