पंचम वार्षिकोत्सव डा0अशोक पाण्डेय संस्थापक विप्रसंजीवनीपरिषद एवं प्राचार्य -श्रीराजगोपाल संस्कृत महाविद्यालय अयोध्या के कुशल नेतृत्व में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया गया । जिसमें त्रिदण्डिदेव सं0म0वि0अयोध्या से प्राचार्य राजेश्वर कुमार मिश्र एवं प्रवक्ता-आशुतोष पाठक रूपकला सं0म0वि0के प्राचार्य श्री रोहित पाण्डेय जी श्री योगिराज सं0म0वि0से पुनीत दास श्रीकृष्ण मिश्र,श्रीसद्धर्मविवर्धनी मा0वि0 से श्री मायासागर जी एवं श्री वेदान्त विद्यापीठ से श्री हेमन्त जी अशरफी भवन मा0वि0 से श्री बैकुण्ठ नाथ जी श्रीबालमुकुंद सं0म0वि0 से श्रीमनमोहन उपाध्याय जी एवं अन्यान्य आचार्य राजगोपाल स0म0वि0 से रमाकांत जोशी एवं दीप कुमार दीपू जीऔर उक्त विद्यालयो के छात्र भी उपस्थित रहे। मुख्यातिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन ,कुलगीत गान ,वैदिक मंगलाचरण , लौकिक मंगलाचरण स्वागत गीत के उपरांत मुख्यातिथियों का लघु भाषण भी हुआ धन्यवाद ज्ञापन डा0राजकुमार उपाध्याय ने किया तथा विप्रसंजीवनीपरिषद का लघु परिचय तथा उसका उद्देश्य पर एक लघुप्रस्तुति
डा0अशोककुमारपाण्डेय द्वारा हुई । विप्रसंजीवनीपरिषद संस्था का डा0अशोककुमारपाण्डेय द्वारा विरचित संस्कृत कुलगीत संस्था को समर्पित किया गया।जिसकी पंक्तिया है- विप्रसंजीवनीपरिषदः कुलगीतम्।।
रचनाकारः-डा0अशोककुमारपाण्डेयः
उत्तरे सरयूधारा हि यत्शुभ्रदा ,
राजते रामभवनं मुखे सर्वदा।
सर्वभूताश्रया सा हि विश्वंभरा ,
विप्रसंजीवनी सर्वलोके रता।। 1।।
सर्वलोकप्रिया सर्वदा ज्ञानदा ,
वन्दिताविप्रवृन्दैर्सुधीन्द्रार्चिता।
पूर्णकार्यं भवेत् यत्कृपायाश्च सा ,
विप्रसंजीवनी सर्वलोके रता ।।2।।
वाञ्छितं यत्फलं सा ददाति सदा ,
येऽभवन् विश्रुताःयत्र ज्ञाने रता।
सर्वछात्रेष्टदा बुद्धिदा मुक्तिदा ,
विप्रसंजीवनी सर्वलोके रता ।।3 विप्रसंजीवनीपरिषद के प्रबंधक डा0राजकुमार उपाध्याय मंत्री श्री मुकेश कुमार पाण्डेय एवं संस्था केअन्यान्य सदस्यों ने आध्यात्मिक क्षेत्र मे विशिष्ट योगदान के लिए स्वामी सुरेन्द्र प्रपन्नाचार्य महाराज (श्रीरामजानकीमंदिर अयोध्या)को एवं संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में विशिष्ट योगदान के लिए श्रीजगदानंद झा जी(उ0प्र0 संस्कृत संस्थान भाषा विभाग लखनऊ)को एवं आधुनिक शिक्षा में विशिष्ट योगदान के लिए पारसनाथ चतुर्वेदी को भारतीय सेना में विशिष्ट योगदान के लिए सूबेदार संजय सिंह (छबी पैलेस एण्ड मैरेज हाल इटौरा चौराहा अयोध्या) को एवं समाज सेवा में विशिष्ट योगदान के लिए श्रीरमेश सिंह, (बिहारीपुर मसौदा अयोध्या) को विप्रसंजीवनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया । तथा संस्कृतशिक्षा को बढावा देने के लिए एवं इस भाषा को जन जन तक पहुचाने के लिए एवं संस्कृत भाषा अध्ययन कर रहे बच्चो को प्रोत्साहित करने के लिए संस्था ने सूत्र अन्त्याक्षरी श्लोक अन्त्याक्षरी सामान्य ज्ञानसंस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा बिजेता बच्चों को क्रमश़ः प्रथम द्वितीय तृतीय 1500/1000/700 रू0 एवं मेडल प्रदान किया गया। जिसमें सूत्र अन्त्याक्षरी में 57 बच्चो ने भाग लिया जिसमें प्रथम-अमित पाण्डेय द्वितीय स्थान रूपेश दूबे तृतीय अविनाश मिश्र श्लोक अन्त्याक्षरी में प्रथम-सूरज द्विवेदी द्वितीय- मयंकमणि त्रिपाठी तृतीय-शशांक पाण्डेय तथा सामान्य ज्ञान में प्रथम -मयंकमणि त्रिपाठी द्वितीय-शिवा पाण्डेय तृतीय- प्रज्ञा उपाध्याय ऋषभचंद्र मिश्र ओमपति त्रिपाठी अमित पाण्डेय ने स्थान प्राप्त किया।बच्चो को मेडल एवं पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।