अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर।गोरखपुर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता/समाजसेवी मनीष ओझा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध पर जल्द से जल्द अंकुश लगाने और अंकुर शुक्ला के परिजन को न्याय दिलाने के संबंध में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 6 सूत्रीय ज्ञापन सौंपने हेतु अपने 5 सदस्यीय टीम के साथ फर्टिलाइजर जा रहा था लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर गोरखपुर पुलिस द्वारा मुझे घर पर ही नजर बंद कर दिया गया और सुबह से बैठाया गया जिस पर मनीष ओझा ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है क्या?? अब इस देश में किसी को अपनी बात कहना और पीड़ित परिवार की माँग करना गुनाह है कल रात से ही मेरे ऊपर गोरखपुर पुलिस द्वारा दबाव बनाया जा रहा था ताकि मैं फर्टिलाइजर न जा पाऊ जिसके लिए आज मेरे आवास को गोरखपुर पुलिस द्वारा पूरी तरह से छावनी बना दी गई और सुबह से मुझे मेरे ही आवास पर पुलिस द्वारा बैठाया गया जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है इस देश में अपनी बात को कहना या रखना भी अब जुर्म की संज्ञा में आता है मनीष ओझा ने बताया है कि सीओ कैंट के आश्वासन पर हम सभी उत्तर प्रदेश सरकार को 1 हफ्ते की मोहलत देते हैं यदि 1 हफ्ते के भीतर कार्रवाई नहीं की गई और हमारी मांग नहीं मानी गई तो आगामी आंदोलन भीषण होगा।