महराजगंज, (जौनपुर)क्षेत्र के सवंसा हनुमान मंदिर पर चल रहे भागवत कथा में वाराणसी से आए हुए कथा व्यास निरजानंद शास्त्री जी को पंडित अखिलेश चंद्र मिश्र द्वारा कथा व्यास सहित समस्त कथा कहने वाले स्टॉप गण को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किए। राम कथा के पांचवे दिन कथा व्यास नीरजानंद शास्त्री जी ने राम-सीता विदाई का संगीतमयी वर्णन किया। सीता की विदाई का प्रसंग सुन दर्शकों की आंखे नम हो गई। कहा कि सीता की विदाई पर राजा जनक और रानी सुनैना आंसू नहीं रोक पा रहे थे। सीता विदाई का वर्णन सुन कर श्रद्धालुओं की आंखे भर गईं। जनक सीता की विदाई के क्षणों में एक खम्भे का सहारा लेकर रो रहे थे। रानी सुनैना सीता से कहती हैं कि बेटी सास-ससुर, गुरु की सेवा करना। पति की आज्ञा का पालन करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलना, शिव पार्वती के दांपत्य जीवन को आदर्श मान कर संस्कारों की रक्षा करना। बेटी की विदाई के समय पिता की भी आखें नम हो जाती हैं। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष महराजगंज यादवेंद्र प्रताप सिंह (लवकुश) द्वारा सभी अतिथि गणों एवं कथा प्रेमियों का अभिनंदन एवं स्वागत किया गया वही कथा व्यास नीरजानंद शास्त्री महराज जी द्वारा पत्रकार राजकमल मिश्र,पवन सोनी,ओम प्रकाश सेठ,को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कथा का संचालन मंदिर पुजारी पं. श्याम शंकर उपाध्याय द्वारा किया गया इस मौके पर कथा व्यास पं. लालजी उपाध्याय,वैभव सिंह,जगदीश उपाध्याय (प्रधान),आजाद सिंह (प्रधान),सूरज सिंह,यादवेंद्र तिवारी व क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।