गोरखपुर। सूदखोरों से परेशान टेंट मलिक ने अजमेर ऋषिकेश हरिद्वार फोन कर अपहरण होने की फर्जी दी सूचना दे कर धर वालो को किया परेशान झगहा पुलिस ने सर्विलांस की मदद से किया गिरफ्तार झंगहा इलाके में एक टेंट हाउस संचालक ने सूदखोरों से परेशान होकर खुद का अपहरण कर लिया। हरिद्वार, ऋषिकेश, अजमेर से फोन कर वह घर वालों से 3 लाख 10 हजार की फि रौती मांग रहा था। फोन कर टेंट व्यापारी घरवालों से कहता था कि पांच लोग उसे पकड़े हैं और रकम न मिलने पर उसकी हत्या कर देंगे। जांच में जुटी पुलिस ने टेंट व्यापारी मनीष मद्धेशिया को अजमेर से पहले बरामद किया। फिर उसे खुद के अपहरण व फिरौती मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। गुरूवार को पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया। हालांकि पुलिस ने अभी सूदखोरों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
एसपी नार्थ डॉ मनोज कुमार अवस्थी ने बताया कि झंगहा के जंगल गौरी नंबर दो अमहिया निवासी मनीष मदेधेशिया टेंट हाउस चलाता है। उस पर कॉफी कर्ज था। कर्ज चुकाने के लिए उसने खुद के अपहरण का प्लान बनाया। 29 जनवरी 2023 को वह बिना घरवालों को बताए घर से कहीं चला गया। जिसके बाद घरवालों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मनीष ने 30 जनवरी 2023 की शाम को अपनी मां को अपने मोबाइल से फोन किया और बताया कि पांच लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। वे लोग 3 लाख 10 हजार रूपये फिरौती मांग रहे हैं और उसे बिहार में रखे हैं। मां से कहा कि रूपये जल्दी से मेरे खाते में भेज दो नहीं तो अपहरणकर्ता उसकी हत्या कर देंगे। इसकी सूचना मनीष के पिता जय प्रकाश ने थाने पर दी। जिसके बाद पुलिस अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई। इस बीच पुलिस ने मनीष का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिया। पुिलस के अनुसार एक बार फिर मनीष ने 1 फरवरी 2023 को मां को फोन कर कहा कि पैसे क्यों नहीं भेज रही हो, जब उसकी हत्या हो जाएगी तब पैसे भेजोगी क्या। जिसके बाद मनीष के परिवार वालों ने उसके एसबीआई खाते में 5000 और 10000 कर दो बार में 15000 रूपये भेजा। इसके बाद फिर मनीष ने 3 फरवरी 2023 को मां को फोन कर और पैसे भेजने को कहा और बताया कि अपहरणकर्ता उसे अब राजस्थान ले जा रहे हैं। पैसे नहीं मिलने पर उसकी हत्या कर देंगे।
जिसके बाद पुलिस सर्विलांस व लोकेशन के आधार पर हरिद्वार पहुंची तो वहां के सीसीटीवी में वह चाय की दुकान पर चाय पीते व अकेले घूमता नजर आया। उसका लोकेशन भी बदलता रहा। किसी तरह झंगहा पुलिस उसे बरामद कर गोरखपुर लाई। मनीष से पूछताछ में पता चला कि वह पहले घर से मोतीराम अड्डा आया। वहां से वह आटो से गोरखपुर शहर आया फिर ट्रेन से शाहजहांपुर गया। वहां से हरिद्वार, देहरादून और फिर ऋषिकेश गया। ऋषिकेश से वह एक बार फिर शाहजहांपुर आया। शाहजहांपुर से अजमेर जाकर घूम रहा था। इसकी पुष्टि अजमेर व हरिद्वार के सीसीटीवी फुटेज से भी हुई, जहां वह अकेले ही घूम रहा था और उसके साथ कोई नहीं था।
पूछताछ में मनीष ने बताया कि उसने इलाके के दो लोगों से 1 लाख 40 हजार रूपये सूद पर लिया था। बताया कि उसने 15 प्रतिशत मासिक ब्याज पर चंचल शाही से १ लाख और रामगुलाम से 10 प्रतिशत मासिक ब्याज पर 40 हजार रूपये लिया था। इधर बीच चंचल शाही अपने ब्याज का 60 हजार रूपये बार बार मांग रहे थे और धमकी दे रहे थे। जिनसे डर कर बचने के लिए उसने खुद के अपहरण की कहानी गढ़ी और खुद ही घर से चला गया। उसने सोचा कि वह घर वालों से पैसे वसूल कर सूदखोरों को चुका देगा। लेकिन इधर बीच उसके पिता ने मुकदमा दर्ज करा दिया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया।