अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर। गोरक्षनाथ मंदिर, गोरखपुर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में गुरु गोरक्षनाथ योग संस्थान एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित साप्ताहिक योग शिविर के प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. ए. के. सिंह
ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने का सपना, योग और आयुर्वेद ने सिखाया, पूरे विश्व को योग की शिक्षा नाथ योगियों के माध्यम से ही दी गई, हमारे देश के युवा आज योग को अपनी जीवन चर्चा से जोड़कर स्वस्थ व समृद्ध देश की नींव रख रहे हैं। योग के द्वारा हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ रहता है। स्वस्थ मन के स्वस्थ विचार आता है, जो कि समाज व राष्ट्र के उत्थान का कारण बनता है। उन्होंने सभी योग प्रशिक्षुओं को भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प भी दिलाया ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष व पूर्व कुलपति प्रो. यू. पी. सिंह ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता के तीसरे अध्याय में बताया गया है कि हमारे जीवन के चार घटक हैं शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा। ये क्रमश: परस्पर सापेक्ष होते हैं । यदि हमारा शरीर स्वस्थ होगा तभी मन भी स्वस्थ होगा और मन स्वस्थ या संस्कारित होगा तभी बुद्धि भी प्रखर होगी और तभी आत्मा भी स्वतः स्वरूप को प्राप्त करता है। इन सब को स्वस्थ रखने का एक ही उपाय है और वह है योग। योग के माध्यम से हम सीमित इंद्रिय, मन इत्यादि से असीमित परम तत्व को जान सकते हैं । योग के द्वारा भौतिक संसार में आध्यात्मिक संसार को प्राप्त किया जा सकता है। आज योग की शक्ति का अनुभव पूरी दुनिया कर रही है आज हमारे मुख्यमंत्री जी जो कि एक योगी हैं उनसे पूरा विश्व प्रभावित है, और उनको अपना नेता बनाने को आतुर है हम सभी योगाभ्यास के माध्यम से इस शक्ति का अनुभव अपने शरीर में भी कर सकते हैं । इन 7 दिनों में हमें विभिन्न योग विद्या के विद्वानों का व्याख्यान सुनने को मिलेगा साथ ही योगाभ्यास एवं ध्यान की क्रियाएं भी कराई जाएंगी। हम इससे लाभान्वित होकर अपने समाज को भी लाभ पहुंचाएंगे।