रणजीत जीनगर की रिपोर्ट
- भले ही विभाग ने स्थायी करने में विलंब कर दिया हो_
सिरोही – शिक्षा विभाग में काम करने वाले टीचर्स को चयनित वेतनमान का लाभ उनकी प्रथम नियुक्ति तारीख से ही दिया जा सकेगा। अगर विभागीय स्तर पर स्थायीकरण करने के आदेश विलंब से जारी हुए हैं तो भी प्रथम नियुक्ति तिथि से ही चयनित वेतनमान मिलेगा। राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण चलपीठ जोधपुर ने कुछ शिक्षकों की ओर से दायर रिट पर ये निर्णय दिया है। हाईकोर्ट इससे पहले भी इसी तरह के आदेश दे चुका है, फिर भी शिक्षा विभाग के अधिकारी चयनित वेतनमान नियुक्ति तिथि से देने में आनाकानी करते हैं।राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पूर्व संभाग संगठन मंत्री गोपालसिंह राव ने बताया कि सरकार शिक्षकों को चयनित वेतनमान नियुक्ति तिथि से देवें ।स्थायीकरण में विलम्ब के लिये शिक्षण जिम्मेदार नहीं है ।हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता परमेंद्र बोहरा ने टीचर्स की ओर से याचिका दायर की थी। अब ट्रिब्यूनल ने कहा है कि अपील करने वाले टीचर्स के स्थायीकरण के आदेश भले ही 10,12 या 15 वर्षों बाद विभाग द्वारा जारी किये गए हैं, परन्तु उनका प्रभाव यदि प्रथम नियुक्ति से प्रदान किया गया है तो चयनित वेतनमान का लाभ भी उनकी प्रथम नियुक्ति से दिया जाएगा। भले ही स्थायीकरण के आदेश कभी भी जारी किया गया।स्थायीकरण के आदेश के प्रभाव प्रदान करने के आदेश के अनुसरण में किसी कर्मचारी को प्रथम चयनित वेतनमान व किसी को द्वितीय चयनित वेतनमान का लाभ भी विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा। तृतीय चयनित वेतनमान का लाभ स्थायीकरण आदेश के प्रभाव में आने की तारीख से जारी न कर स्थायीकरण आदेश के जारी होने की दिनांक से प्रदान करना अनुचित है।ट्रिब्यूनल ने लक्ष्मणराम नारायणलाल, धनसिंह झाला, गोपाल कृष्ण सोहनलाल जाट, अरूणा अहुजा, रतन चावडा व दमाराम गोदारा की चयनित वेतनमान से सम्बंधित अपीलो को स्वीकार करते हुए विभाग द्वारा उन्हें कमश द्वितीय तृतीय चयनित वेतनमान का लाभ स्थायीकरण का आदेश जारी होने की दिनांक से ना प्रदान कर स्थायीकरण कब से प्रभाव से आया है। उस दिन से देने का आदेश पारित किया है। साथ ही शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि तीन माह के भीतर अधिकरण के आदेश की अक्षरतः पालना करके रिपोर्ट करें।