गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र में गुरूवार को एक 55 वर्षीय व्यक्ति की गड़ा हुआ लाश बरामद किया गया। उसका शव चकिया गांव के बाहर नहर के पास खेत में मिट्टी से ढंका गया था। पुलिस ने शव को निकलावाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उसकी पहचान पिपराइच के बैलो गांव के सबहिया के रहने वाले नारद मुनि साहनी के रूप में हुई है।
गुरूवार की दोपहर महराजगंज व गोरखपुर की सीमा पर स्थित पिपराइच इलाके के चकिया गांव में नहर के पास कुछ बच्चे शौच के लिए गए थे। इस दौरान बच्चों ने बगल की जमीन में मिट्टी में से शव का हाथ देखा। बच्चे डर गए और घर आकर परिजनों को जानकारी दी। परिजनों ने गांव के प्रधान पति अजय सिंह उर्फ रिंकू को बताया। जिसके बाद प्रधान ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मिट्टी खुदवाकर शव को बाहर निकलवाया।
मृतक नारद मुनि साहनी के ललाट पर किसी वजनी वस्तु से प्रहार के निशान हैं। जहां से खून निकल रहा था वहीं उसके सिर को मफलर से बांधा गया था। शव को नोचने से उसका हाथ बाहर निकला हुआ था। जिस खेत में शव गाड़ा गया था वह महराजगंज के श्यामदेउरवा बेलराई निवासी एक व्यक्ति की है। जहां शव मिला है उस इलाके का आधा हिस्सा महराजगंज व आधा गोरखपुर में आता है। मृतक के शरीर पर अंडरवीयर व बनियान ही था। पुलिस का कहना है कि दो दिन पूर्व शव को दफनाया गया होगा।
मृतक नारद मुनि पेंट पालिश का काम करता था। वह प्रतिदिन साइकिल से काम पर जाते थे। कभी- कभी जिसके घर काम करते थे वहीं रूक जाते थे। मंगलवार की सुबह वह काम पर गए थे तभी से वापस नहीं आए। चूंकि पहले भी कई बार काम करने की जगह वह रूक चुके हैं इसी लिए परिजन निश्चित थे।
बेटा हैदराबाद में करता है काम
मृतक नारद मुनि का इकलौता 20 वर्षीय बेटा हैदराबाद में रहकर फर्नीचर का काम करता है और इस समय वहीं है। वहीं उसका भतीजा सोनू साहनी है उसी ने शव की पहचान की। सोने ने बताया कि पट्टीदारों से जमीन का मुकदमा चलता है। मारपीट भी हुआ था वे लोग जान से मारने की धमकी भी दे चुके हैं। परिजनों ने पट्टीदारों पर ही आशंका जताई है।
पुलिस अधीक्षक उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण कर बताया कि खेत में मिट्टी से ढंकी हुई लाश मिली है। प्रथम दृष्टया प्रेम प्रपंच में हत्या की आशंका लग रही है लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया है कि जमीनी विवाद की वजह से पाटीदारों ने हत्या की है अब विवेचना के बाद ही पता चल पाएगा कि हत्या का मूल वजह क्या है परिजनों के प्रार्थना पत्र के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा कि मौत कब और कैसे हुई है।