पूर्वांचल बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय होने के बाद बड़ौदा यूपी बैंक के खाताधारक दुश्वारियां को झेल रहे हैं। डाटा माइग्रेशन के बाद किसानों के लिए बैंक मुसीबत बन गया है।
किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि समय से नहीं पहुंच रहा है। प्रतिदिन किसान पासबुक लेकर बैंक की शाखाओं में इस उम्मीद के साथ पहुंच रहे हैं कि उनके खाते में धनराशि पहुंच गई होगी।
पहले पूर्वांचल बैंक के नाम से जानी जाने वाला बैंक का पिछले 1 अप्रैल 2020 को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया है। दिसंबर में डाटा माइग्रेशन हुआ तो ग्राहकों ने सोचा कि बैंक में अब सेवाएं बेहतर हो जाएंगी, लेकिन सेवाएं बद से बदतर होती जा रही हैं। किसानों के लिए चलाई जा रही भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना किसान सम्मान निधि की दसवीं किस्त सरकार द्वारा एक जनवरी 2022 को जिले के 2.32 लाख किसानों के खाते में भेज दी गई है। यह धनराशि बड़ौदा यूपी बैंक को छोड़कर अन्य बैंकों के खाता धारकों के खाते में पहुंच गई और वह किसान लाभान्वित हो गए हैं, लेकिन बड़ौदा यूपी बैंक की तकनीकी गड़बड़ियों के चलते किसी भी बैंक शाखाओं में नहीं पहुंच सका है।
जिले के 56 हजार किसानों के खाते में नहीं पहुंच सका है। इसलिए खाता धारकों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का अधिकतर खाता बड़ौदा यूपी बैंक की शाखाओं में है। तमाम बुजुर्गों के खाते में अभी तक विधवा एवं वृद्धा पेंशन भी नहीं पहुंच सकी है। क्षेत्र के शाखाओं में आए दिन ग्राहकों और कर्मचारियों के बीच इसे लेकर कहासुनी हो रही है। किसानों के साथ-साथ अन्य खाताधारक भी दुश्वारियां झेल रहे हैं। खाता धारकों का एटीएम बंद हो गया है, जिसके चलते मोबाइल से संचालित सभी सेवाएं गूगल पे, पेटीएम आदि बंद हो गए हैं। बैंक ने दिसंबर माह में मैसेज किया कि पूर्वांचल बैंक सीबीएस माइग्रेशन के कारण बैंकिंग सेवाएं व नेट बैंकिंग कार्य बाधित रहेगा। पूर्वांचल बैंक द्वारा जारी एटीएम कार्ड की पुराने पिन को डिसेबल कर दिया गया है और खाताधारकों को बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से जाकर नए पिन बनाने की बात कही जा रही है। वही पूर्वांचल बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र संचालक सर्वाधिक परेशान
बैंक बदलने का सबसे ज्यादा खामियाजा ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों को बैंक पहुंचकर जानकारी हासिल करने पर बैंक कर्मचारी सीधे तौर पर लोगों को ग्राहक सेवा केंद्र पर भेज दे रहे हैं। इससे लेकर सीएससी संचालक से लेकर खाताधारक परेशान हैं।
श्यामदेउरवा, गोधवल, मंगलपुर आदि ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ने बताया कि अधिक खातों का केवाईसी नहीं होने के कारण खाता लॉक हो गया है, जिससे खाताधारक रुपये नहीं निकाल पा रहे हैं। खाता बंद होने की जानकारी होने पर बैंक पहुंचे खाताधारकों को कर्मचारी सीधे तौर पर ग्राहक सेवा केंद्र पर भेज दे रहे हैं। इससे खाताधारक केंद्र पर पहुंचकर बकझक करते हैं।
डाटा माइग्रेशन के कारण समस्या आई है। साफ्टवेयर चेंज होने के वजह से आईएफएससी कोड बदला है। काम तेजी से चल रहा है। शीघ्र खाताधारकों के खाते में किसान सम्मान निधि पहुंच जायेगी व अन्य सेवाएं बहाल हो जायेगी, जिससे ग्राहकों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। बैंक कर्मचारियों को खाताधारकों की समस्याओं का निदान करने तथा लॉक वाले खाताधारक ब्रांच पर आधार कार्ड की प्रतिलिपि पहुंचाकर खाते का केवाईसी हर हाल में करा लें।