जौनपुर राष्ट्रीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जमुहाई के सांस्कृतिक क्लब द्वारा गायन प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय सभागार में गरिमामय वातावरण में किया गया। प्रतियोगिता में छात्रों ने शास्त्रीय, लोकगीत और भक्ति गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रतियोगिता की शुरुआत मंगलाचरण और सरस्वती वंदना से हुई। इसके पश्चात प्रतिभागियों ने क्रमशः अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। किसी ने राग आधारित शास्त्रीय गीत से सभागार में गंभीरता का भाव जगाया, किसी ने लोकगीतों से वातावरण को उल्लासमय बना दिया, तो किसी ने भक्ति गीतों से हॉल को आध्यात्मिक रस से भर दिया। प्रत्येक प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंजता रहा।
इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. मिथिलेश पांडे ने कहा कि संगीत आत्मा की भाषा है और यह छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों में आत्मविश्वास, अनुशासन और रचनात्मकता का विकास होता है।
सांस्कृतिक क्लब के संयोजक डॉ. प्रशांत सिंह ने कहा कि भारतीय संगीत हमारी सांस्कृतिक धरोहर की आत्मा है। संगीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि साधना, अनुशासन और मानसिक संतुलन का माध्यम भी है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें संगीत के अभ्यास को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
कार्यक्रम में निर्णायकों ने स्वर, ताल और भावाभिव्यक्ति के आधार पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया और अंत में परिणाम घोषित किए। विजयी छात्रों को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम के इस अवसर पर डॉ. कुंवर दिलीप प्रताप सिंह, डॉ. कमलेश कुमार सिंह, डॉ. तेजप्रताप सिंह, डॉ. अजय सिंह, डॉ. पारुली सिंह, डॉ. राकेश कुमार, डॉ0 गुंजा गौंड, डॉ 0 सोहनलाल, बिटर भैया सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।