कठूमर । दिनेश लेखी। खरमास का महीना 16 दिसंबर से शुरू होकर ये 14 जनवरी तक चलेगा। पूजा-पाठ के लिहाज से ये माह अच्छा माना गया है । इस माह में भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। साथ ही, इन दिनों में दान, पुण्य का भी खास महत्व है।
पंडित मनोज के अनुसार नए साल 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त की भरमार है।
पंचाग में दिसंबर माह में खरमास का महीना लगता है। कहते हैं कि इस माह में मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. किसी भी मांगलिक कार्य लिए इन दिनों को शुभ नहीं माना जाता खरमास हमेशा मार्गशीर्ष माह और पौष माह के बीच में शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि खरमास के दिनों में सूर्य कमजोर हो जाता है और उन्हें मलीन माना जाता है। इस कारण सूर्य भी उग्र स्वभाव में आ जाता है।और इसी कारण मांगलिक कार्यों पर इस दौरान रोक लग जाती है।
खरमास में नियमित रूप से स्नान के बाद उगते सूर्य को जल अर्पित करने से भाग्योदय होता है। इतना ही नहीं, तमाम रोग और कष्टों से भी छुटकारा मिलता है. इस माह में गीता का पाठ नियमित रूप से पढ़ने और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से काफी लाभ होता है। इसके अलावा, स्वर्ण, घी, वस्त्र, गुड़, चांदी, नमक या शहद आदि का सामर्थ्य के अनुसार दान करना उत्तम रहता है।
खरमास के दौरान शहनाई भी नहीं गूंज रही है। मान्यता है कि वर को सूर्य का बल और वधू को बृहस्पति का बल होने के साथ ही दोनों को चंद्रमा का बल होने से ही विवाह के योग बनते हैं। नए साल में मकर संक्रांति के बाद शादी का मुहूर्त फिर शुरू होगा…..
नए साल में शादी का मुहूर्त
जनवरी : 15, 20, 22, 23, 25, 27, 28, 29 और 30
फरवरी : 5, 6, 9, 10, 16, 17, 18 और 19 रहेंगे।