ADVERTISEMENT
  • होम
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • मनोरंजन
  • बॉलीवुड
  • क्राइम
  • खेल
  • ज्योतिष
  • ई-पेपर
Purvanchal Yug
  • होम
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • मनोरंजन
  • बॉलीवुड
  • क्राइम
  • खेल
  • ज्योतिष
  • ई-पेपर
No Result
View All Result
  • होम
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • मनोरंजन
  • बॉलीवुड
  • क्राइम
  • खेल
  • ज्योतिष
  • ई-पेपर
No Result
View All Result
Purvanchal Yug
No Result
View All Result
  • होम
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • मनोरंजन
  • बॉलीवुड
  • क्राइम
  • खेल
  • ज्योतिष
  • ई-पेपर
  • All
  • Latest
  • Photos
  • Web Series
  • Video
  • Audio
Home राज्य उत्तर प्रदेश जौनपुर

“जाति पर धर्म भारी”- भारतीय राजनीति एक बड़े बदलाव की राह पर :-प्रोफेसर (डॉ) अखिलेश्वर शुक्ला

Er. S.K. Gupta by Er. S.K. Gupta
07/12/2023 at 8:07 PM IST
in जौनपुर
0
2
SHARES
7
VIEWS
Share on WhatsappShare on TwitterShare on Facebook

भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात स्वदेशी आंदोलन सहित अनेकों महत्वाकांक्षी परिकल्पनाओं को तुच्छ दुसित सोंच से परिपूर्ण मानसिकता के स्वार्थी नेताओं ने अपनी तिजोरी भरने, गाड़ी, आलिशान बंगला, हवाई यात्रा की ख्वाहिश पूरी करने के लिए सामाजिक – राजनीतिक ब्यवस्था को जीर्ण सीर्ण विदीर्ण करने का काम किया है। सनातन अर्थात प्राचीन धर्म में चार युगों (सतयुग,ञेता, द्वापर, कलयुग) की चर्चा की गई है।

लगभग सभी युगों में दो प्रकार के विहंगम प्राणी (देव-दानवों) की उपस्थिति रही है। वैदिक ब्यवस्था में राष्ट्रीय विकास एवं सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए योग्यता के आधार पर चार वर्णों की ब्यवस्था की गई होगी-। जिसने आगे चलकर कर्मों के आधार पर जाति ब्यवस्था को जन्म दिया।जो रोजगार (जीविका) का महत्वपूर्ण आधार बन गया।-ऐसा सभी सोंच समझ एवं मान सकते हैं। लेकिन कलयुग के इस प्रथम चरण (5500 वर्षों) में यह नेताओं के राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पुरा करने का अचुक साधन बन जायेगा। ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा। स्वतंत्रता प्राप्ति के 20 वर्षों तक केन्द्र एवं राज्यों में कांग्रेस की सरकार रही। क्षेत्रीय दलों ने स्थानीय विकास के नाम पर कुछ राज्यों में (1967) सत्ता प्राप्त करने में सफल रहे। 10 वर्षों के बाद 1977 में केंद्र से लेकर राज्यों में जयप्रकाश नारायण जी का नारा “सम्पूर्ण क्रान्ति” के नाम पर कांग्रेस (श्रीमती इंदिरा गांधी) सरकार को हराकर सत्तासीन होने में सफल रहे। यह अलग की बात है कि जयप्रकाश नारायण जी को अपने आप के स्वप्न को चकनाचूर होते देख रोना पड़ा था। मिली जुली सरकार का, दलगत गठबंधन का, विश्वास अविश्वास का दौर शुरू हुआ। यहीं से क्षेत्रीय एवं जातिगत समीकरण के नाम पर अनेकों नेताओं की महत्वाकांक्षाऐं इतनी बढ़ गई कि उसे पूर्ण करने के लिए अनाप शनाप बयानबाजी करके चर्चा में बने रहने की होण मच गयी। ऐसे लोगों को कुछ अंधभक्त समर्थक भी मिल गये। लेकिन यह दौर भी टिकाऊ नहीं है। कारण स्पष्ट है– भारतीय जनमानस अपने प्राचीन परंपरा को जीवित करना चाहती है। जिसे विदेशीयों के आक्रमण व शासन ने, पश्चिमी सभ्यता ने, अंग्रेजी शासन एवं शिक्षा ने नष्ट भ्रष्ट करने का सम्पूर्ण प्रयोग किया है।

प्रोफेसर (डॉ)अखिलेश्वर शुक्ला का मानना है कि 2014 से भारतीय राजनीति में एक नये दौर की शुरुआत हुई है। जिसमें क्षेञीय विकास , जातिगत महत्वाकांक्षा को तुष्ट करते हुए धार्मिक भावनाओं को संतुष्ट करने का अनोखा संगम दिखता है। क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय दलों द्वारा जातीय जनगणना की बात करके लोगों के अंदर जातिगत उन्माद को हवा देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं परतंत्र भारत,मुगल काल के विवादित स्थलों के पुनर्निर्माण के नाम पर सभी देशवासियों (जातियों) को राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत करने का काम किया जा रहा है। यही नहीं प्रोफेसर शुक्ला का यह भी कहना है कि भारतीय संसद भवन के प्रवेश कक्ष में -“”वसुधैव कुटुंबकम” के साथ साथ -“अयं निज: परोवेति गणना लघु चेतसाम्”- अर्थात -**यह मेरा अपना है और यह अपना नहीं है”– इस तरह की गणना छोटे चित ( संकुचित मन ) वाले लोग करते हैं।”‘ यही नहीं कबीर दास जी का यह कथन-“दुर्बल को न सताइये,जाकी मोटी हाय” अर्थात गरीबी का ख्याल रखना जाति से ज्यादा महत्वपूर्ण है। वहीं बाबा तुलसीदास का कथन -” परहित सरिस धर्म नहीं भाई – पर पीड़ा सम नहीं अधमाई” का ख्याल रखे बगैर अपने वाणी पर नियंत्रण रखना तो दुर किसी खास जाति- धर्म के विरूद्ध अपशब्दों का प्रयोग कर जातिवादी महत्वाकांक्षी नेता आह्लादित हो रहें हों- यह किसी भी दल के लिए शुभ संकेत नहीं है। डॉ अखिलेश्वर शुक्ला ने यह रेखांकित किया कि – 2024 के लोकसभा चुनाव के पूर्व कुछ प्रान्तों के चुनाव परिणाम ने काफी हद तक यह स्पष्ट कर दिया है कि- एक तरफ जाति-आधारित जनगणना पर जोर देना, तथा सनातन धर्म का विरोध करना तो दुसरी तरफ जाति से उपर उठकर — निर्धन, दुर्बल,गरीब समाज के लिए -अंतोदय अन्न योजना, जन-धन योजना, पीएम आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना,मातृ वंदन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, गरीब लोन योजना, किसान सम्मान निधि, विश्वकर्मा योजना सहित भारतीय संस्कृति सभ्यता एवं सनातन धर्म पर आधारित आचरण से सभी जातियों को गरीब – अमीर के चश्मे से देखने एवं निर्बल को सबल करने का नारा देकर जाति-आधारित महत्वाकांक्षी राजनीति को परास्त करने का काम किया है। 2024 के पूर्व का यह विधान सभा चुनाव परिणाम भारतीय राजनीति में एक बड़ा संदेश दिया है कि- तुष्टिकरण, जातिगत राजनीति, मुफ्तखोरी एवं सनातन धर्म विरोधी राजनीतिक नेताओं का अंत अच्छा नहीं होगा। निश्चित रूप से*जाति पर धर्म भारी रहेगा।* जय हिन्द जय भारत — प्रोफेसर (डॉ) अखिलेश्वर शुक्ला, पूर्व प्राचार्य/विभागाध्यक्ष ,राजनीति विज्ञान , राजा श्री कृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय जौनपुर -उतर प्रदेश।

Previous Post

भाजपा युवा नेता ने घायल पूर्व प्रधान की बचायी जान एम्बुलेंस से भेजवाया हास्पिटल

Next Post

वृद्ध महिला को सांड हमला करके उतारा मौत के घाट

Er. S.K. Gupta

Er. S.K. Gupta

पूर्वांचल का सबसे तेज उभरता हुआ न्यूज नेटवर्क

यह भी पढ़े

महिला सशक्तिकरण और पत्रकारों के हित के लिए पूरा जीवन समर्पित- दीपिका द्विवेदी
जौनपुर

महिला सशक्तिकरण और पत्रकारों के हित के लिए पूरा जीवन समर्पित- दीपिका द्विवेदी

02/06/2025 at 4:33 PM IST
परशुराम जयंती पर भव्य शोभा यात्रा के लिए मार्ग हुआ तय
जौनपुर

परशुराम जयंती पर भव्य शोभा यात्रा के लिए मार्ग हुआ तय

30/04/2025 at 7:11 PM IST
आपसी मतभेद को भुलाकर सभी के सहयोग से मजबूत होगा संगठन- प्रमोद
जौनपुर

आपसी मतभेद को भुलाकर सभी के सहयोग से मजबूत होगा संगठन- प्रमोद

13/04/2025 at 7:06 AM IST
कृपाशंकर सिंह से मिलने पहुंचा महाकुंभ मेले का वायरल बॉय आकाश 
जौनपुर

कृपाशंकर सिंह से मिलने पहुंचा महाकुंभ मेले का वायरल बॉय आकाश 

06/04/2025 at 2:37 PM IST
जौनपुर में आगामी 23 मार्च को अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा की होगी महत्वपूर्ण बैठक- जिलाध्यक्ष
जौनपुर

जौनपुर में आगामी 23 मार्च को अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा की होगी महत्वपूर्ण बैठक- जिलाध्यक्ष

31/03/2025 at 8:07 AM IST
पत्रकार की हत्या पर जौनपुर पत्रकार संघ ने सौंपा ज्ञापन ।
जौनपुर

पत्रकार की हत्या पर जौनपुर पत्रकार संघ ने सौंपा ज्ञापन ।

25/03/2025 at 1:53 PM IST

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Ms

  • Home
  • Disclaimer
  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • E-Paper
  • Contact
  • About
  • Our Team

© 2023 PurvanchalYug   | All rights reserved

No Result
View All Result
  • होम
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • मनोरंजन
  • बॉलीवुड
  • क्राइम
  • खेल
  • ज्योतिष
  • ई-पेपर

© 2023 PurvanchalYug   | All rights reserved