संवाददाता अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर।गोरखपुर खाद कारखाने के रूप में गोरखपुर को केंद्रित कर पूर्वांचल के किसानों और नौजवानों के हित में योगी आदित्यनाथ का सपना साकार गया है। अपने संसदीय कार्यकाल में करीब दो दशक तक जिसके लिए वह संघर्षरत रहे, उसका परिणाम आज देश-दुनिया के सामने है। गोरखपुर का खाद कारखाना सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और अब पूरी तरह पूर्ण इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के लिए पीएम मोदी मंगलवार को गोरखपुर आ रहे हैं।
गोरखपुर में 1990 में बंद हुए फ़र्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को दोबारा चलवाने या उसकी जगह नया कारखाना स्थापित करने को योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद वह 19 सालों तक संघर्षरत रहे। 1998 से लेकर मार्च 2017 तक उनके संसदीय कार्यकाल में संसद का कोई भी ऐसा सत्र ऐसा नहीं रहा जिसमें उन्होंने इसके लिए अपनी आवाज बुलंद न की हो। योगी की पहल और उनकी पुरजोर मांग पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। अब उन्हीं के हाथों मंगलवार (सात दिसंबर) को इसका उद्घाटन होगा। सीएम योगी ने बतौर सांसद गोरखपुर में खाद कारखाना स्थापित करने के लिए केवल संघर्ष ही नहीं किया बल्कि मुख्यमंत्री बनने के बाद इसके निर्माण को तीव्र करने में योगदान दिया। यह सीएम योगी की ही देन थी कि कोरोनाकाल की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी इसके निर्माण में कोई बाधा नहीं आने पाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में पड़ने वाले गोरखपुर जिले में 9,600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की विकास परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की हैं. इस मौके पर राज्य की गवर्नर आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. गोरखपुर सीएम योगी की कर्मभूमि रही है. वह यहां से 1998 से लगातार 5 बार सांसद रहे हैं. साथ ही वह गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं.
पीएम मोदी ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया है उसमें हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (HURL) का नवनिर्मित उर्वरक संयंत्र, एम्स हॉस्पिटल और आईसीएमआर की क्षेत्रीय इकाई ‘क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र’ शामिल हैं।
8,603 करोड़ रुपये के उर्वरक संयंत्र से प्रति वर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन होगा. ये परियोजना न केवल किसानों के जीवन में समृद्धि लाएगी बल्कि युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20,000 रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में इसका शिलान्यास किया था।
प्रधानमंत्री ने 2016 में गोरखपुर AIIMS का शिलान्यास किया था. 1,011 करोड़ रुपये की लागत से बने गोरखपुर एम्स से न केवल पूर्वी यूपी के लोगों को बल्कि बिहार, झारखंड और नेपाल की एक बड़ी आबादी को भी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभ मिलेगा. 112 एकड़ में फैले इस अस्पताल की क्षमता 300 बिस्तरों की है।
इसी तरह, 36 करोड़ रुपये के क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र से वेक्टर जनित रोगों के परीक्षण और अनुसंधान की सुविधा होगी, उन्होंने कहा, हाई-टेक लैब से वेक्टर जनित रोगों से संबंधित परीक्षणों के लिए बड़े शहरों पर क्षेत्र की निर्भरता कम होगी।