महराजगंज में जिला मुख्यालय पर स्थित केएमसी डिजिटल हॉस्पिटल का अधिग्रहण कर पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दे दी है। सरकार द्वारा दी गई सौगात से जिले में मेडिकल की पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर ढंग से लोगों के इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होगी. जिले के लोगों को अब अन्य शहरों में इलाज के लिए जाना नहीं पड़ेगा. सरकार ने अस्पताल को अधिग्रहित कर 2024 तक एमबीबीएस की पढ़ाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।
जिले में मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने के बाद केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने केएमसी डिजिटल हॉस्पिटल में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि महाराजगंज जनपद तराई इलाके का पिछड़ा जिला है, यहां की जनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा एक लंबे समय से मेडिकल कॉलेज की मांग की जा रही थी. यह जिला एक विशेष प्रकार के संक्रमण से ग्रसित इलाका रहा है. जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री को भी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन दिक्कतों को देखते हुए जनपद को पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की सौगात दी है. यहां मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद सरकारी दर पर गंभीर से गंभीर बीमारियों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया होंगी. मेडिकल कॉलेज के खुलने से लोगों को रोजगार मुहैया होने के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होंगी. प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य रहा है कि देश में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो।
केएमसी डिजिटल हॉस्पिटल के चेयरमैन विनय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच की वजह से इस अति पिछड़े जिले में मेडिकल कॉलेज की अनुमति मिली है. आज जनपद के लिए एक गौरवशाली दिन है. मेडिकल कॉलेज में डिजिटल माध्यम से देश के कोने-कोने से योग्य शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे और इस मेडिकल कॉलेज से निकलने वाले डॉक्टर समाज के उत्थान और लोगों के स्वास्थ्य के लिए अपना बेहतर योगदान देंगे।