रिपोर्ट हिमाशु यादव
यूपी लगातार गर्म हो रहा है। प्रदेश का अधिकतम तापमान 0.27 डिग्री सेल्सियस प्रति शताब्दी की दर से बढ़ रहा है। बीते 100 सालों में मौसम विभाग द्वारा किए गए अध्ययन से ये सच सामने आया है।
लू के दिनों की बढ़ती संख्या, पारे में उतार-चढ़ाव पर लखनऊ मौसम केंद्र के वैज्ञानिक लगातार नजर रखे हुए हैं। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह बताते हैं कि अध्ययन के अनुसार 1901 से 2022 के बीच उत्तर प्रदेश में औसत तापमान में 0.13 डिग्री सेल्सियस प्रति शताब्दी की दर से उत्तरोत्तर वृद्घि दर्ज हो रही है। जबकि अधिकतम तापमान दोगुनी दर 0.27 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ा है। राहत बस इतनी है कि न्यूनतम तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं है। इसमें 0.01 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। इसके अलावा वर्षा में भी गिरावट हो रही है।
यद्यपि वार्षिक एवं मानसूनी बरसात में 20वीं सदी में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ, लेकिन सामान्य बरसात की बात करें तो 2000 से इसमें गिरावट का ट्रेंड रहा है। 1961 से 1990 के बीच बरसात के मुख्य महीनों (जुलाई से अगस्त) के दौरान जहां औसतन 300 मिमी बारिश हुई है, वहीं 1990 से 2000 के बीच यह घटकर 250 से कुछ अधिक ही रह गई है।
अब तक 1941 में 0.908 डिग्री, 1958 में 0.719 डिग्री, 2010 में 0.639 डिग्री और 1953 में 0.635 डिग्री व 1921 में 0.57 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी का ट्रेंड देखा गया है।