मण्डल हेड गिरजा शंकर निषाद
जौनपुर, प्रसव के बाद महिला की मौत का मामला सामने आया है। परिजन उपचार के दौरान चिकित्सक की लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि हालत बिगड़ने पर महिला को देर रात बनारस के निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया था। वहां जाने पर अस्पताल का गेट बंद था। जिसके बाद दूसरे अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया था। वापस जौनपुर आने पर विजय लक्ष्मी नर्सिंग होम के डॉक्टर ने पैसे लेकर मामले को रफा-दफा करने की बात कही। फिलहाल महिला का शव जिला अस्पताल के मर्चरी हाउस में रखा गया है। विजय लक्ष्मी नर्सिंग होम में प्रसव के लिए महिला अंकिता यादव को परिजनों ने भर्ती कराया था। हॉस्पिटल के डॉक्टर स्टाफ द्वारा बताया गया कि महिला के अंदर खून की कमी है। परिजनों द्वारा ब्लड की व्यवस्था की गई। महिला की मौसी मीरा यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि रात 8 बजे महिला को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। प्रसव के दौरान महिला को बच्चा हुआ। महिला ने बताया कि अस्पताल स्टाफ द्वारा बोला गया कि महिला की हालत नाजुक है और बेहतर उपचार के लिए बनारस के प्रज्ञा हॉस्पिटल में रेफर किया जा रहा है। एंबुलेंस में परिजनों को भी बैठाया गया। महिला को लेकर प्रज्ञा हॉस्पिटल पहुंचा गया तो वहां ताला बंद था। इसके बाद बनारस के मेदांता हॉस्पिटल में महिला को दिखाया गया। मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों द्वारा अस्पताल के गेट के बाहर महिला के शव को रखा गया है। इसकी जानकारी डायल 112 को भी दी गई। डायल 112 की तरफ से आए पुलिसकर्मियों ने काफी देर तक अस्पताल परिसर का गेट खटखटाया गया। महिला मीरा का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ में 50 हजार रूपए से लेकर 1 लाख रूपए का प्रलोभन देकर मामले को रफा-दफा करने की बात कही। महिला द्वारा इस बाबत चिकित्सक की लापरवाही को लेकर विधिक कार्रवाई की मांग की जा रही है।