आईए जानते हैं जय प्रकाश मिश्रा से शारदीय नवरात्रि की तिथि, शुभ योग और मुहूर्त। डाॅ जयेश मिश्र आचार्य जी
मण्डल हेड गिरजा शंकर निषाद
नवरात्रि के हर दिन एक देवी की पूजा,आराधना और मंत्र जप का विधान होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी दुर्गा में नवग्रहों का वास माना गया है। इसलिए नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-आराधना करने के साथ ही नवग्रहों की शांति पूजा भी जरूरी होती है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में ग्रहों की स्थिति जातकों को शुभ अशुभ परिणाम प्रदान करती है। शारदीय नवरात्रि का आरंभ 26 सितंबर से हो रहा है
प्रतिपदा तिथि की शुरूआत- 26 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 22 मिनट पर
प्रतिपदा तिथि का समापन- 27 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 09 मिनट पर और इसका समापन 5 अक्तूबर को होगा। नवरात्रि के इन नौ दिनों को धार्मिक दृष्टि से बेहद ही शुभ माना गया है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हुए मां कीआराधना ,पूजा-पाठ और मंत्रों का जप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक शक्ति की विशेष पूजा करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। इस बार नवरात्रि पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
26 सितंबर को देवी आराधना की पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: प्रातः 06 :11 मिनट से प्रातः 07: 51 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: 26 सितंबर, प्रातः 11: 49 मिनट से 12: 37 मिनट तक।
26 सितंबर 2022 को कलश स्थापना के दिन बहुत ही शुभ मुहूर्त का संयोग बन रहा है। इस दिन दो शुभ योग बन रहे हैं पहला शुक्ल योग और दूसरा ब्रह्म योग। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान के लिए इन योग को बहुत शुभ माना जाता है।