मीरा भयंदर, मुंबई महाराष्ट्र की भूमि पर मीरा भाईंदर रामलीला समिति द्वारा आयोजित और श्री सरस्वती साहित्य कला मंडल द्वारा प्रस्तुत रामलीला का मंचन किया गया जिसमें लक्ष्मण और परशुराम संवाद देख दर्शक भाव विभोर हुए राजा जनक जी का दरबार लगा हुआ था और सीता स्वयंवर का शोर चारों तरफ सुनाई दे रहा था जिसकी सूचना पर विश्वामित्र अपने शिष्य श्री राम और लक्ष्मण जी के साथ जनकपुर स्वयंवर में पहुंचते हैं और तमाम राज्यों के राजा ऋषि मुनि आदि उपस्थित रहते हैं स्वयंवर में भगवान श्री राम ने धनुष को तोड़कर माता सीता से स्वयंवर रचाया और वहीं पर भगवान श्री परशुराम का आगमन होता है और वह शिवजी के धनुष को टूटा हुआ देख क्रोधित होते हैं फिर बड़ी विनम्रता के साथ भगवान श्री राम उनके सामने आकर बताते हैं कि पहले परशु फिर राम भगवन आप हमसे श्रेष्ठ है अतः आप क्रोधित ना हो इस बारे को सुनकर परशुराम विनम्रता पूर्वक प्रणाम कर वहां से प्रस्थान कर देते हैं. इस रामलीला के प्रमुख मार्गदर्शक राहुल ग्रुप आफ स्कूल एंड कॉलेज के संस्थापक लल्लन तिवारी समिति के प्रवक्ता एडवोकेट राजकुमार मिश्रा निर्देशक बृजेश तिवारी और रामलीला के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने बड़े ही ऊर्जा के साथ इस कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रयास किया है. वहीं पर श्री राम का किरदार उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर सुजानगंज क्षेत्र एक युवा कलाकार जो पंकज मिश्रा के नाम से प्रसिद्ध है उन्होंने भगवान श्री राम की भूमिका निभाई और लक्ष्मण विकास मिश्रा, दशरथ अभय दुबे, सीता अदिति श्रीवास्तव, परशुराम भगवान प्रसाद दुबे और जनक का रोल रविंद्र तिवारी ने कर दर्शकों को मोहित किया।