- रामघाट पर लकड़ियों के दाम हुए दोगुने, कब्रगाहों में जगह मिलना मुश्किल
मण्डल हेड गिरजाशंकर निषाद
जौनपुर। जिंदगी जीना आसान नहीं है ये तो सभी जानते हैं लेकिन अब मरना भी बड़ा मुश्किल हो गया है। आपको अपने अगल-बगल बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जिनके बारे में सुना होगा कि अंतिम संस्कार चंदे से किया गया है। बात करते हैं जिले के रामघाट, बारादरी और जिले मे गोमती किनारे मौजूद अन्य घाटों की। पता करने पर जानकारी मिली कि लकड़ी और जरूरी सामान के दामों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। वहा अंतिम संस्कार करने वाले यानी की डोम का भी खर्चा बढ़ा है। वहाँ पर अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने आये लोगों ने बताया कि भईया लकड़ी बहुत महंगी मिल रही है। जो लकड़ी पहले 200-250 मन बिक रही थी वही अब 450-500 रुपये मन मिल रही है। लकड़ी बेचने वाले सौदागरों का कहना है कि डिमांड बढ़ने के कारण दाम बढ़ा है। अगर लेना है तो लो नही तो दफा हो जाओ। ये कहना गलत न होगा कि गरीब के लिए जीना और मरना दोनों मुश्किल हो गया है। वहीं शहर में मौजूद कब्रिस्तानों की बात की जाए तो यहां की हालत भी बदतर हो चुकी है। कब्रों में मुर्दो के लिए जगह तलाश करना मुश्किल हो रहा है। अपनी पसंद की जगह पाने के लिए जेब कायदे से ढीली करनी पड़ेगी जो आम आदमी के लिए आसान नहीं है। कब्रगाह सीमित है और मुर्दे असीमित मात्रा मे रोज आ रहे हैं। कुल मिलाकर इस समय ये कहा जा सकता है कि महंगा हो गया है अंतिम सफर का सामान।