रिपोर्ट हिमा शु यादव
सरकार को उठाना होगा महत्वपूर्ण कदम, शराब और गुटके पर लगाना होगा पूर्णता प्रतिबंध ।
भारत में युवाओं की जनसंख्या अन्य किसी देश से अधिक है। जिस कारण भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। लेकिन चिंताजनक सवाल यह है कि क्या आज का युवा हमारे देश का आने वाला कल है। क्यूंकि हमारे देश का युवा नशे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जहां एक तरफ हमारे देश की शिक्षा नीति में बदलाव हो रहा है, ताकि आने वाला भविष्य सफल युवा पीढ़ी के हाथों में सुरक्षित रह सके। वही दूसरी ओर विद्यालय के छात्र जो अभी अंडरएज है, नशे की गिरफ्त में है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कानून के अनुसार 18 साल से कम उम्र है तो आप शराब या अन्य किसी नशे का सेवन नहीं कर सकते है। लेकिन आज 12 साल से 18 साल के बच्चों में ही नशा एक फैशन के रूप में प्रचलित है। जिसे वह करते तो कूल बनने के लिए है लेकिन फिर इसके आदि हो जाते है। मुंबई यूनिवर्सिटी की 2019 की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार 75 प्रतिशत युवा 21 साल से पहले नशे का सेवन करता है और इसका आदि हो जाता है। वही 88 प्रतिशत 18 साल या इससे कम उम्र के बच्चे अलग अलग नशा करते पाए गए है। खासकर 12 से 16 साल के बच्चे सिगरेट, स्मैक जैसे नशे के आदि होते जा रहे है। यह आंकड़ा 2019 की रिपोर्ट का है। 2024 में यह आंकड़ा कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ा ही है। और नशे के दुष्प्रभाव के रूप में देश को मिलता है बढ़ता हुआ अपराध जहा नशे में धुत युवा चोरी, लूट या अन्य अपराध का शिकार हो जाते है। वह अपने स्वास्थ के साथ तो खिलवाड़ करते ही करते है साथ ही अपना और अपने परिवार के भविष्य को भी दांव पर लगा देते है। कभी कभी नशे की लत उनके दिमाग को इतना भ्रष्ट कर देती है की वह दिमागी बीमारी या डिप्रेशन का शिकार हो जाते है।
फैशन बन गया है नशा
देश का युवा वर्ग आज नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। इसका एक कारण है सहनशक्ति की कमी। युवा आजकल बहुत जल्दी अपना हौसला खो देते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि वे डिप्रेशन में चले जाते हंै और फिर वे नशे की गिरफ्त में फंस जाते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को हालात से लडऩा सिखाएं और उन्हें मजबूत बनाएं। दूसरा बड़ा कारण ये है कि आजकल नशा फैशन बनता चला जा रहा है। गलत संगत में पड़कर नशे को फैशन मान लेना युवा वर्ग की सबसे बड़ी कमजोरी है। दूसरों की देखा-देखी भी लोग नशा करने लग जाते हैं। अपने आपको आधुनिक बनाने के लिए नशे का सहारा लेने लगते हैं, जो कि गलत है। युवा वर्ग की कमजोर सोच का फायदा उठाते हुए नशे के व्यापार में लगे हुए लोग उन्हें नशे के लिए प्रेरित करने लग जाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि युवा अपने आपको मजबूत बनाएं और गलत संगति से बचें ।