जौनपुर राष्ट्रीय पी. जी. कॉलेज जमुहाई में विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न कॉलेजों के प्राध्यापक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस विशेष अवसर पर कॉलेज के प्रबंधक सुरेंद्र प्रताप सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कला संकाय के पूर्व डीन प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह विशेष अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय ने की।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसे मुख्य अतिथि, विशेष अतिथि और प्राचार्य ने संयुक्त रूप से किया। इसके बाद सभी शिक्षकों और अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया।कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने शिक्षकों के सम्मान में गीत, नृत्य और भाषण प्रस्तुत किए, जिससे माहौल और भी जीवंत हो गया। छात्रों ने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें अपने जीवन का मार्गदर्शक बताया।
कार्यक्रम के दौरान, प्राचार्य प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय ने मुख्य अतिथि और कॉलेज के प्रबंधक सुरेंद्र प्रताप सिंह को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। यह सम्मान प्रबंधक महोदय के नेतृत्व और कॉलेज के विकास में उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए किया गया।इसके बाद जिले के विभिन्न कॉलेजों के प्राध्यापकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रीय पी. जी. कॉलेज के प्राध्यापकों के साथ-साथ अन्य कॉलेजों के प्राध्यापक भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। सभी शिक्षकों को मुख्य अतिथि सुरेंद्र प्रताप सिंह और प्राचार्य प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय द्वारा स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में शिक्षकों की भूमिका और उनके योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।मुख्य अतिथि सुरेंद्र प्रताप सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा, “शिक्षक समाज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे केवल ज्ञान देने वाले नहीं, बल्कि छात्रों को सही दिशा देने वाले मार्गदर्शक भी होते हैं। आज का यह कार्यक्रम शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का एक प्रयास है।”विशेष अतिथि प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह ने कहा, “शिक्षक ही समाज की नींव होते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को गढ़ते हैं। उनके समर्पण से ही एक सशक्त समाज का निर्माण संभव है।”
प्राचार्य प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षक छात्रों के जीवन में न केवल ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व को भी आकार देते हैं। शिक्षक दिवस, उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अवसर है।”कार्यक्रम का समापन शिक्षकों और छात्रों के बीच विचार-विमर्श से हुआ, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की गई। समापन के अवसर पर सभी अतिथियों ने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रशांत सिंह ने किया।