ब्यूरो चीफ एड० अभिषेक उपाध्याय की रिपोर्ट
जौनपुर लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर शहर के मध्य से गुजरी गोमती के घाटों पर सुंदरीकरण का काम चल रहा है, जो इस समय चौथी बार नदी के बढ़े जलस्तर के कारण डूब गया है। इसके पहले, प्रोजेक्ट बारिश के दिनों में उफनाई गोमती के कारण डूब गया था, जिससे लंबे समय तक के लिए काम ठप हुआ था लेकिन, इधर तेजी से इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने में जिम्मेदार लगे हुए थे।
शहर के मध्य गोमती पर बने शाही पुल से भी जनपद की पहचान होती है। इस पुल से गोमती का पानी गुजरता है। इसके लिए पुल में ताखे बनाए गए हैं। हालांकि इस समय 9 ताखे हैं, जिनसे नदी का पानी गुजरता है। बारिश के दिनों में नदी के उफान पर आने से जलस्तर तेजी से बढ़ता है। इधर, गोमती के घाटों के सुंदरीकरण का प्रस्ताव कई वर्षों से तैयार किया जा रहा था, जो क्षेत्रीय विधायक और राज्यमंत्री गिरीशचंद्र यादव के प्रयास से जुलाई के अंत तक शुरू करा दिया गया। इस प्रोजेक्ट को लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर तैयार किया गया है। इसके लिए शासन ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन-नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत 8.05 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है। इसके तहत सद्भावना पुल से हनुमान घाट होते हुए बजरंग घाट तक 650 मीटर के दायरे में रीवर फ्रंट डेवलपमेंट का कार्य होना है। प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा था। लेकिन, इधर नदी के बढ़े जलस्तर के कारण प्रोजेक्ट पानी में डूब गया। इसके चलते काम बंद करना पड़ा है। वहीं स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता का आरोप है कि ‘नमामि गंगे’ के तहत रिवर फ्रंट परियोजना में बेहद गंभीर तकनीकी अनियमितताएं व्याप्त हैं, क्योंकि एनजीटी का स्पष्ट निर्देश है कि इस कार्य के दौरान किसी भी दशा में नदी को जलधारा को न तो मोड़ा जाएगा और न ही अवरुद्ध किया जाएगा, पर यहां दोनों विसंगतियां हैं।