कोलकाता।तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही, सच कह रहा है दीवाना, आवारापन बंजारापन, आशाएं,तु ही मेरी शब है, क्या मुझे प्यार है, लबों को, जरा सा, खुदा जानें, दिल इबादत,है जूनून, जिंदगी दो पल की, मै क्या हूँ।
हां तू है, अभी-अभी , हा तुझे सोचता हूँ, इंडियावाले , तो जो मिला। जैसे सुपरहिट गीत गाने वाले बॉलीवुड पार्श्वगायक के के हमारे बीच नहीं रहे। मंगलवार की रात कोलकाता में एक लाइव कंसर्ट के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
कृष्ण कुमान उर्फ़ केके 23 अगस्त 1968 को केरल में हुआ था. उनके पिता का नाम सीएस नायर और माँ का कनाकवाल्ली है।
हिंदी सिनेमा में एंट्री लेने से पहले ही केके करीबन 35000 ऐड जिंगल्स कर चुके थे. उन्होंने 1999 क्रिकेट विश्व कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के समर्थन के लिए “जोश ऑफ़ इंडिया” गाना गाया.
इस के बाद, उन्होंने पल नामक एलबम निकाला जिसे सर्वश्रेष्ठ सोलो एल्बम के लिए स्टार स्क्रीन पुरस्कार मिला. इस एल्बम के दो गाने ‘पल’ और ‘यारों’ काफी लोकप्रिय थे।
केके को पहला ब्रेक यूटीवी ने दिया था,उन चार सैलून की अवधि में केके ने 11 भारतीय भाषाओं में 3,500 से अधिक विज्ञापनों में काम किया है।
केके लेस्ली लेविस को अपना गुरु मानते है, क्योँकि, उन्होंने ही केके को पहली बार विज्ञापन में गाने का मौका दिया था| केके ने हिंदी में 250 से भी अधिक गाने गाये है, एवं तमिल और तेलेगु में 50 से भी अधिक गाने गाये है.विख्यात फिल्म निर्देशक विशाल भरद्वाज ने केके को बॉलीवुड में गाने का पहला मौका दिया।
उन्होंने बॉलीवुड में अपना कार्यकाल “माचिस” के ‘छोर आये हम’ से शुरू किया और आगे चलकर कई और लोकप्रिय गाने गाये. उन्हें अपना पहला सोलो गाना भी विशाल भरद्वाज ने ही दिया. पर यह “हम दिल दे चुके सनम” के ‘तड़प तड़प के’ में उनका भावपूर्ण गायन ही था जिससे उन्हें प्रसिद्धि मिली।