700 कंबल वितरण करने का लिया है संकल्प
प्रयागराज। जिस कड़ाके की ठण्ड में लोग दिन में बाहर नहीं निकल रहे,उस ठण्ड में रात में निकल कर दीन-हीन-असहाय,मानसिक विक्षिप्त,बुजुर्ग को ढूंढ कर उन्हें कम्बल से ढकने का कार्य कोई देवदूत ही कर सकता है।अपने सामाजिक कार्यों के लिए ख्यातिलब्ध व्यक्तित्व व प्रतापगढ़ जनपद के मूलनिवासी समीक्षा अधिकारी शांडिल्य दुर्गेश के नेतृत्व में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी एक जनवरी से ही कम्बल वितरण किया जा रहा है।संयोजक/सहसंयोजक शांडिल्य दुर्गेश,अमित रघुवंशी व श्याम शांडिल्य से हमारे संवाददाता ने बात किया,इस कार्यक्रम के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा ने हमें जो भी शक्ति व सामर्थ्य दिया है वह दूसरों का कल्याण करने के लिए दिया है। प्रकृति के प्रत्येक कण-कण में परोपकार की भावना दिखती है। सूर्य, चंद्र, वायु, पेड़-पौधे, नदी,बादल सभी बिना किसी स्वार्थ के सेवा में लगे हुए हैं।चाणक्य भी मानते हैं कि परोपकार ही जीवन है। जिस शरीर से परोपकार न हो, उस शरीर का क्या लाभ?परोपकार के बारे में गोस्वामी तुलसीदास की ये उक्ति प्रासंगिक है-‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई’। परोपकार से बढ़कर दूसरा धर्म नही है और किसी को दुख पहुंचाने से बढ़कर कोई दूसरा अधर्म नहीं है।टीम प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र,बेली हॉस्पिटल,स्वरूप रानी हॉस्पिटल,कमला नेहरू हॉस्पिटल,प्रयाग स्टेशन,पत्थरगिरिजा घर,बस स्टेशन व रोड के किनारे ठण्ड से ठिठुर रहे लोगों को कम्बल प्रतिदिन बाँट रही है।टीम में सह-संयोजक समीक्षा अधिकारी श्याम त्रिपाठी,अमित सिंह,सुनील यादव,राजेश सिंह,अंकुर यादव,अंकुर पाण्डेय,आनंद,प्रवेश,अमित,श्याम सिंह,आशुतोष,निर्मल,सुमित,देवेंद्र,नीरज,नितिन,नवल,मयंक व आशीष के द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान किया जा रहा है।संयोजक शांडिल्य दुर्गेश व समीक्षा अधिकारी अमित रघुवंशी ने उन सभी लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है व उन्हें साधुवाद दिया है,जिन्होंने इस नेक कार्य में हर स्तर पर सहयोग प्रदान किया है।सहसंयोजक श्याम त्रिपाठी,सुनील यादव व आशुतोष सिंह ने यह बताया कि यह कम्बल वितरण कार्यक्रम कैम्प लगाकर नहीं किया जाता है,बल्कि टीम के सदस्य रात में सड़क पर निकल कर उन्हें कम्बल देते हैं या ढकते हैं।यह कार्यक्रम 17 जनवरी तक चलेगा।
यूपी हेड अमित पाण्डेय की खबर