महोबा। अनशनकारी के जिला अस्पताल में इलाज से किया मना जब तक न्याय नही तब तक अनशन जारी रहेगा अपने पुत्र और पुत्र के मित्र की हत्या मामले में न्याय की गुहार लगा रहे वृद्ध अनशनकारी कोरोना काल जैसी माहवारी से जूझते हुए निशुल्क शव वाहन चलाने वाले पीड़ित पिता भगवती प्रसाद सोनी ने 26 जनवरी से राठ रोड स्थित शमशान घाट में छठवां आमरण अनशन शुरू किया था। जिसमें हालत बिगड़ने पर महोबा के उच्च अधिकारियों के अनुरोध पर जिला अस्पताल महोबा में भर्ती कराया गया था। जिलाधिकारी महोबा द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया था कि 20 फरवरी के विधानसभा चुनाव हो जाने के बाद उनके मामले में संज्ञान लेने के लिए आश्वासन दिया गया था 10दिन बीत जाने के बाद अब आज 35वा दिन, अनशनकारी ने स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद भी ट्रीटमेंट अर्थात इलाज लेना बंद कर दिया था और पुन अपने अनशन स्थल मोक्ष धाम राठ रोड पर महोबा में ही करने कही ,अनशनकारी के अनुसार जिला प्रशासन हर बार झुनझुना पकड़ाता न्याय से कोई सरोकार नही है इसलिए अभी तक प्रशासन मूकदर्शक है और अनशन कारी का कहना है कि यह मेरा अंतिम आमरण अनशन होगा अगर इस अंतिम अनशन में बिना न्याय दिलाए अर्थात मेरे पुत्र और और उसके मित्र के हत्यारों को बिना गिरफ्तार किए यदि मेरी मृत्यु होती है। तो इसके जिम्मेदार महोबा जिला पुलिस प्रशासन के साथ-साथ जिले के कथित पत्रकार अनुज शर्भा और दीपक बाजपेई होगे जो मुझे सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमो से जिला प्रशासन का हवाला दे मानसिक और समाजिक उत्पीड़न कर रहे है, जिस पर जिला प्रशासन की मूकता प्रश्न चिन्ह खड़े करती है।
भगवती प्रसाद सोनी बुंदेलखंड महोबा उ प्र
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