प्रधान राजेश निषाद ने की आगवानी।
मण्डल हेड गिरजा शंकर निषाद
भारत के माउंटेन मैन के नाम से पहचान बनाने वाले दशरथ मांझी तो अब इस दुनिया में नही रहे। किन्तु उनके कार्य, और उनकी यादें लोगो के दिलो में आज भी गूंजती रहती है। उन्होंने ने एक विशाल पर्वत को तोड़कर अकेले ही गांव वालो के लिए आने जाने के लिए रास्ता बना दिया था। आज उन्ही को भारत रत्न दिलाने की मांग करते हुए, उन्ही के परिवार और गांव के लोग बिहार से दिल्ली तक पैदल यात्रा पर निकल पड़े हैं। अब देखना ये है कि क्या माउंटेन मैन के नाम से पहचान बनाने वाले को भारत रत्न भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा या नही। लेकिन लोगो ने ठाना है कि दशरथ मांझी को भारत रत्न दिलाकर ही शान्त बैठूंगा। पैदल यात्रा जौनपुर से होते हुए ढकवा तक पहुंच गया है। जहा पर तुरकौली प्रधान राजेश निषाद ने लोगो की आगवानी की, और उनके खाने पीने व रात्रि विश्राम की व्यव्स्था किए। यात्रा में शामिल ननका मांझी , सतेंद्र मांझी, सूरज भगत, आदि लोग बिहार से चलकर आए हैं। वहा पर मौजूद चिंतामणि निषाद, लालजी निषाद, मोतीलाल निषाद पूर्व प्रधान, उमेश निषाद कोटेदार, राम शिरोमणि निषाद उर्फ पिंटू राजा, विजयशंकर निषाद, राम अक्षैवर निषाद राम मिलन ठीकेदार आदि लोगो ने उनके खानपान की व्यव्स्था किए हैं।