गोरखपुर।साइबर ठग अब नित नए हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कभी बैंक अधिकारी बनकर, तो कभी सरकारी एजेंसी के नाम पर लोगों को डराकर उनकी गाढ़ी कमाई हड़प लेते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस की सतर्कता और साइबर सेल की सक्रियता ने ऐसे कई पीड़ितों को उम्मीद की किरण दी है। इसी कड़ी में गोरखपुर के आदित्य नगर, नथमलपुर निवासी इंद्रजीत शुक्ला को लाखों रुपये वापस दिलाने में पुलिस ने सफलता हासिल की है।
इंद्रजीत शुक्ला, जो स्वर्गीय विभूति शुक्ला के पुत्र हैं, हाल ही में एक संगठित साइबर अपराधी गिरोह का शिकार हो गए। उन्हें व्हाट्सएप पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का अधिकारी बताया। ठग ने भय का माहौल बनाते हुए कहा कि उनकी बातचीत पाकिस्तानी आतंकवादियों से होती रही है। यदि वे कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो उन्हें तुरंत बताए गए बैंक खाते में पैसे जमा करने होंगे, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अचानक दबाव में आए इंद्रजीत शुक्ला ने जालसाज के झांसे में आकर 13,87,456 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
ठगी की भनक लगने पर जब उन्होंने मामले की शिकायत साइबर अपराध थाना गोरखपुर में दर्ज कराई, तो पुलिस टीम सक्रिय हो गई। थाना प्रभारी मोहम्मद राशिद खान, निरीक्षक सुभाष चंद्र, वरिष्ठ उप निरीक्षक उपेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल उपेंद्र सिंह और कांस्टेबल प्रमोद यादव ने अथक प्रयास किए। साइबर सेल की तकनीकी जांच और लगातार फॉलोअप के बाद अंततः इंद्रजीत शुक्ला की मेहनत की कमाई वापस उनके खाते में आ गई।
अपने खोए हुए रुपये फिर से खाते में देखकर इंद्रजीत शुक्ला की आंखों में खुशी छलक पड़ी। जो पैसा अब कभी वापस नहीं मिलेगा, इस आशंका में वे पूरी तरह निराश हो चुके थे, वहीं पुलिस टीम की मेहनत ने उन्हें नई उम्मीद दी। रुपये मिलने के बाद इंद्रजीत शुक्ला ने एसपी सिटी अभिनव त्यागी से मुलाकात की और बुके भेंटकर पूरी टीम के प्रति आभार जताया।