अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर।तीन दिवसीय यात्रा पर गोरखपुर पहुचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जंगल कौड़िया ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने वहां पर स्वास्थ्य विभाग के स्टालों का अवलोकन एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग के स्टाल पर बच्चों का अनप्रासन भी कराया। इसके अतिरिक्त उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी को गोल्डेन कार्ड, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थी को चेक, फलेरिया एवं टीबी के रोगियो को कीट आदि का भी वितरण किया।
इस अवसर पर उन्होंने लोेगो को सम्बोधित करते हुये कहा कि हर एक व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य देना सरकार का कर्तव्य, और हम इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उत्तम आरोग्यता से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होगा और स्वस्थ समाज के होने पर ही हम सशक्त उत्तर प्रदेश और सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज से प्रारम्भ हो रहा मुख्यमंत्री आरोग्य मेला हर रविवार को प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लगेगा। आरोग्य मेला में लोगों को निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श, निशुल्क जांच व मुफ्त दवाओं के माध्यम से आरोग्यता का उपहार मिलेगा। आरोग्य मेला 2020 में ही शुरू किया गया था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। एक बार फिर इसका शुभारंभ हो रहा है। इसका उद्देश्य सभी लोगों को बिना भेदभाव चिकित्सा सेवा का लाभ पहुंचाना है। मेले में सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के स्वास्थ्य कार्ड बनने से रह गए हैं, वे बनवाकर इसका लाभ उठाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाओं और बेहतर बनाने के लिये उत्तर प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 100 बेड के सभी संसाधनों से युक्त उच्चीकृत अस्पताल बनाए जाएंगे इसके साथ ही राज्य के प्रत्येक विकास खंड क्षेत्र में 25 से 30 बेड के बेहतरीन सीएचसी-पीएचसी उपलब्ध कराने की दिशा में कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ी है कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में इलाज का एकमात्र केंद्र गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था। वह भी कब बंद हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता था। वहां न डॉक्टर पर्याप्त थे और न ही दवाएं। आज बीआरडी मेडिकल कॉलेज बहुत अच्छे ढंग से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की चिकित्सा की सुविधा के लिए गोरखपुर में एम्स भी खुल गया है साथ ही साथ देवरिया, सिद्धार्थनगर व बस्ती में नए मेडिकल कॉलेज सेवाएं दे रहे हैं। कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है और महाराजगंज में मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति दी जा चुकी है।