गोरखपुर।मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर गोरखपुर सहित प्रदेश के अन्य जनपदों के मंडल आयुक्त एवं जिला अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को बाड़ व मानसून की स्थिति को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया बाढ़ से बचाव से संबंधित विभाग तत्परता और सर्तकता के साथ तैयारियाँ रखेंl
मुख्य सचिव ने कहा है कि वर्षाकाल में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के लिए सभी विभाग तत्परता और सतर्कता के साथ अपनी तैयारियाँ रखे। जिला आपदा प्रबंधन कार्य-योजना को अद्यतन कर सभी बाढ़ उन्मुख की सूची तैयार करने एवं बाढ़ नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबरों का प्रचार-प्रसार किया जाये। निर्धारित समय एवं स्थल पर मीडिया को बाढ़ की स्थिति एवं इससे बचाव हेतु किये जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी जाये।
मुख्य सचिव ने कमिश्नर डीएम को बाढ़ प्रभावितों को पुनर्वासित करने की दृष्टि से वैकल्पिक आश्रय स्थल की व्यवस्था में स्कूल, धर्मशाला आदि को चिन्हांकित करने एवं उसकी सूची राहत आयुक्त कार्यालय एवं स्टेट कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर को भेजने के निर्देश दिये।
भौगोलिक संरचना, जलवायु एवं पूर्व में घटित आपदाओं बाढ़ उन्मुख जिले, बाढ़ संभावित राजमार्गों, प्रमुख नदी नालों की आगामी मानसून काल के वर्षा संबंधी पूर्वानुमानों से समिति को अवगत कराया जाएl
मुख्य सचिव ने आकाशीय बिजली से जनहानि के मामलों में राहत राशि प्रकरणों की स्वीकृति हेतु संशोधित परिपत्र शीघ्र जारी करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने बाढ़ राहत के संबंध में विभागों के उत्तरदायित्व का निर्धारण किया। संवेदनशील क्षेत्रों का आकलन, बाढ़ उन्मुख नदियों, बड़े बांधों की सूची, बाढ़ के मुख्य कारण, प्रचार-प्रसार की प्रणाली, आपातकालीन कार्यवाहियाँ, उपलब्ध उपकरणों की मरम्मत कराना, नवीन उपकरणों के क्रय की जानकारी, जनशक्ति तथा खोज एवं बचाव दलों का प्रशिक्षण, जन-जागृति अभियान, नोडल अधिकारियों का नामांकन, आपदा नियंत्रण केन्द्र स्थापित करना, बाढ़ बचाव सामग्री का पूर्व अनुबंध एवं त्वरित क्षति आकलन का उत्तर दायित्व संबंधित अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन करेंl
मोटरबोट्स एवं बाढ़ बचाव सामग्रियों को तैयार हालत में रखने एनडीआरएफ जवानों को बाढ़ बचाव से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण देने, आपदा की स्थिति में नियोजित मानव संसाधनों की सूची तथा प्रशिक्षित तैराकों की सूची जिलेवार उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया।पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निचले स्थानों की पहचान, अतिवर्षा के कारण नदी-नाले उफान पर होने की स्थिति में इसकी सूचना कन्ट्रोल रूम को देने और निचले स्थानों पर रहने वाली जनसंख्या को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का उत्तरदायित्व दिया गया।
लोक निर्माण विभाग द्वारा पुलों पर यातायात नियंत्रण हेतु बेरियर लगाना, वर्षा पूर्व क्षतिग्रस्त पुलियों की मरम्मत/सुधार करवाना, सड़कों के गड्डों की मरम्मत करवाना, शासकीय संरचनाओं का सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण करना, निर्माण स्थलों को सुरक्षित करना एवं खतरनाक स्थलों पर चेतावनी बोर्ड लगाना का कार्य किया जाए।
समस्त बांध/तालाबों के तटबंधों के सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण एवं वर्षा पूर्व आवश्यक मरम्मत, नदियों के जलस्तर की निगरानी, बांधो के जलस्तर की निगरानी, पानी छोड़ने की जानकारी संकलित करने एवं संबंधित विभागों के साथ सूचना का आदान-प्रदान, बाढ़ के दौरान तटबंधों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था l
नगरीय प्रशासन द्वारा नाले एवं नालियों की सफाई की व्यवस्था, जल निकासी के स्थल, नालों के उपर से अतिक्रमण हटाना, निचली बस्तियाँ खाली करवाने तथा अस्थाई कैम्प हेतु स्थलों का चिन्हांकन किया जाए। साथ ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, कर्मचारियों का प्रशिक्षण, बाढ बचाव हेतु सामग्री का चिन्हांकन एवं जिन जिलों के निचली बस्ती में सामान्यतः जल भराव की स्थिति निर्मित होती है, ऐसे क्षेत्रों के लोगों को जागरूक किया जाएl