संवाददता अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बीते पांच साल में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हरेक क्षेत्र में खरा उतरने का प्रयास किया है और उसके सकारात्मक परिणाम भी जनता के सामने हैं। प्रदेश के लोगों को सुरक्षा का माहौल मिला है। उनकी आस्था का सम्मान हुआ है। बिना भेदभाव विकास की परियोजनाओं और शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंचा है। अब हम विधानसभा चुनाव में एक नई अग्नि परीक्षा में उतर रहे हैं। हमारे पांच साल का कार्यकाल जनता के सामने है। जनता हमारे कार्यों का मूल्यांकन करेगी और सुरक्षा, विकास के पथ पर बढ़ रहे प्रदेश के हित मे भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने में योगदान देगी।
सीएम योगी शुक्रवार को शहर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पूर्व महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित नामांकन सभा को संबोधित कर रहे थे। कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए उन्होंने कहा पांच साल तक भाजपा सरकार और संगठन ने मिलकर प्रदेश में सुरक्षा, विकास और सुशासन का परिणाम दिया है। आज कोई भी प्रदेश और देश के नेतृत्व को लेकर नकारात्मक टिप्पणी नहीं कर सकता। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से परे बीजेपी की सरकार ने हरेक व्यक्ति को सुरक्षा की गारंटी दी है। गरीबों को मकान, शौचालय समेत हर पात्र को कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया है। सीएम ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हम एक नई अग्नि परीक्षा में उतर रहे हैं। इसलिए जो परिणाम अपेक्षित है उसके लिए हर कार्यकर्ता खुद भाजपा का सिम्बल बनकर घर घर जाए और प्रचंड बहुमत की जीत में अपना योगदान दे।
नामांकन सभा में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्री शाह ने अपने दम पर यूपी में भाजपा की ताकत का एहसास कराया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा का संगठन प्रारंभ से ही था। पर, कोई भी संगठन जीवंत होना चाहिए और इस दिशा में सर्वाधिक योगदान अमित शाह का है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर उन्होंने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में अभूतपूर्व सफलता दिलाई। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को तीन चौथाई सीटें दिला कर उन्होंने बीजेपी की मजबूती का एहसास विपक्षी दलों को कराया। सीएम योगी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब महागठबंधन बना तो लोग यह सोचते थे कि अब बीजेपी का क्या होगा। तब श्री शाह कहते थे कि 63 से 65 से कम सीटें हमें नहीं मिलेंगीं। सहयोगी दलों के साथ 64 सीटें जिताकर उन्होंने महागठबंधन को धराशाई कर दिया।