अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर (संतकबीरनगर) निषाद पार्टी सुप्रीमो व कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद आज संत कबीर दास परिनिर्वाण स्थली, मगहर जनपद संत कबीर नगर के दौरे पर रहे, आज कसरवल रेल रोको आंदोलन की 8वी वर्षी पर निषाद पार्टी द्वारा आयोजित स्मृति दिवस समारोह में शिरकत करने पहुँचे थे। निषाद पार्टी, राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद एवं संघर्षो के साथी जो अब ईश्वर में लीन हो गए हैं उनको याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
निषाद ने बताया कि कसरवल आंदोलन निषाद पार्टी और राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के लिए अहम कड़ी था जिससे पार्टी और संगठन को एक नया नाम और मुकाम मिला किन्तु पुलिस फायरिंग में हमारा भाई शहीद हो गया।
निषाद ने शायराना अंदाज में कहा कि मौत की चिंता नही सताती मुझे। मेरे सपनों का अधूरापन सताता है।।आज भी दिल मे जल रही है आग। मेरा जुनून ये बताता है।।
मंच से संबोधन में कहा कि कसरवल आंदोलन के बारे में जब कभी भी मन में विचार आता है तो मैं रातो रात सो नही पाता हूं। जीवन का एक ऐसा अध्याय जिसमे ना जाने कितने रंग रूप देखने को मिले सत्ता का कुशासन, प्रशासन का तांडव और मेरे समाज का मेरे प्रति स्नेह,
संजय निषाद ने कहा कि आज 8 वी वर्षगांठ पर मैं आप सब लोगो का दिल से आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि आप लोगो ने विश्वाश, संयम, धैर्य रखकर हर बार समाज को आगे ले जाने के लिए मुझ पर भरोसा किया। मैं आपके भरोसे का कतरा कतरा वापस करुगा यह भी मेरा वादा है। मुझे याद है पुलिस फायरिंग से लेकर मेरी और मेरे साथियो के फरारी काटने के वो दिन, मुझे याद है मेरे एनकाउंटर के लिए ढूंढते वो पुलिसवाले, मुझे याद है कसरवल आंदोलन में स्वर्गीय गोविंदा निषाद का महिलाओं के झुंड के साथ मुझे बीच मे रखकर बाहर निकालना, मुझे यह भी याद में कि मेरी पत्नी मालती देवी के पैरों पर से सैकड़ो लोगो का गुजरजाना। याद क्यों नही होगा क्योंकि वो दिन मुझे याद दिलाते है अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है, अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है।