मण्डल हेड गिरजा शंकर निषाद
वाराणसी।काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कला संकाय वी वॉक की शोध छात्रा ने छात्रावास में अपने हाथ का नस काट ली। छात्रावास में साथ रहने वाली छात्रा और छात्रावास के वार्डन ने तत्परता दिखाते हुए उसे तुरंत बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। डॉक्टर ने छात्रा का इलाज करते हुए बताया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है। छात्रा बीएचयू के न्यू पीएचडी छात्रावास में रहती हैं। बताया जा रहा है कि छात्रा पीएचडी में एडमिशन ली थी। लेकिन पीएचडी में उसके सब्जेक्ट का चयन नहीं हुआ था। जिसको लेकर वह काफी दिनों से परेशान चल रही थी ।
बीएचयू के शोध छात्र सत्यवीर सिंह ने बताया कि छात्रा न्यू पीएचडी गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। उन्होंने बताया कि वह छात्र मेरी सहपाठी है। इस कारण उसके परिजनों का फोन आया कि वह फोन नहीं उठा रही है। जिसके बाद हम लोग उसके हॉस्टल पर गए, तो पता चला कि उसने अपने हाथ का नस काट ली है। उसके बाद हम सभी उसे तुरंत ट्रामा सेंटर लेकर आकर उसे भर्ती कराया। अभी वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
डेढ़ साल से पीएचडी में एडमिशन के बाद नहीं मिल रही थी सुविधा
सत्यवीर ने बताया कि उसके नस काटने का कारण डेढ़ साल से उसका पीएचडी में एडमिशन हुआ है। इस डेढ़ साल में न तो उसका आरपीसी हुआ है न उसका रजिस्ट्रेशन लेटर मिला है न ही उसको फेलोशिप मिल रहा है। छात्रा मानसिक रूप से प्रताड़ित हो गई थी। बार-बार वह डीन ऑफिस अपनी फरियाद को लेकर जाती थी। लेकिन उसकी समस्या का समाधान कोई नहीं कर रहा था। उन्होंने बताया कि यह पूरा मामला बीएचयू कला संकाय वोकेशनल पीएचडी की है। छात्रा ने 2021-2022 में एडमिशन कराया था। छात्रा झारखंड की रहने वाली है।
छात्रावास की वार्डन स्वर्णलता ने बताया कि यह छात्रा न्यू पीएचडी छात्रावास में रहती थी। जिसकी मैं वार्डन हूं। छात्रा ने अपने हाथ का नस काट ली थी। जिसके बाद हम सभी ने उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। वह पूरी तरह से स्वस्थ है। अब उसे पुनः छात्रावास ले जाया जा रहा है। वहीं उन्होंने बताया कि छात्र काफी परेशान है। लेकिन सही कारण क्या है यह हम उससे बातचीत करने के बाद ही बता सकेंगे।