मण्डल हेड गिरजा शंकर निषाद
जौनपुर हमेशा चर्चाओं में रहने वाला एआरटीओ विभाग आज एक बार सुर्खियों में आ गया । शुक्रवार को ऐसी खबर आयीं कि कड़ाके की ठंड में विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों समेत विभागीय दलालो को पसीने छूट गया । पूरे दिन कार्यालय में इस खबर की चर्चाएं होती रही। ऑफिस खुलते ही भारी वाहनों के टैक्स में भारी लापरवाही बरतने के आरोप में एक बाबू के निलंबित होने की खबर मिली तो सभी लोग आर्श्चय चकित रह गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिशनर लीगल मुख्यालय लखनऊ आर के विश्वकर्मा ने एआरटीओ विभाग का औचक निरीक्षण किया था । निरीक्षण में भारी वाहनों के टैक्स में भारी गड़बड़ी मिली थी तथा कई खामियां पाया था । सूत्रों के अनुसार कोरोनकाल में वाहनों का टैक्स माफ होने के बाद भी विभाग ने वाहन मालिकों से टैक्स वसूला था। डीटीसी ने जांच में प्रथम दृष्टया लिपिक प्रदीप कुमार दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया , सम्बंधित अधिकारी को तलब किया है । इस मामले पर पत्रकारों ने एआरटीओ एसपी सिंह से बात किया तो उन्होंने बताया कि अभी तक कोई लिखित आदेश नही मिला है। पूरे दिन चर्चा होता रहा कि बड़ी मछली को बचाने के लिए छोटी मछली की गर्दन नाप दी गई। विभागीय सूत्रों की माने तो इस कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी अपने चहेते बाहरी लोगों को रखकर कार्य करवाते है यहाँ तक गोपनीय दस्तावेज भी इन्हीं बाहरियों के कब्जे में ही रहता है। यदि बारीकी से जांच किया जाय तो चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकता है।