गोरखपुर।भारतीय पुलिस सेवा के 1995 बैच के वरिष्ठ अधिकारी अशोक मुथा जैन ने गुरुवार को गोरखपुर ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) का कार्यभार ग्रहण किया। सर्किट हाउस में उन्हें पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके उपरांत उन्होंने कार्यालय पहुंचकर डॉ. के.एस. प्रताप कुमार से पदभार संभाला।
पदभार ग्रहण करने के बाद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अपराध और अपराधियों पर सख़्त नियंत्रण उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी, जबकि महिला अपराध और गौ-तस्करी पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा।
जैन इससे पूर्व भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड में अपर पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले वह वर्ष 2012-2013 के दौरान गोरखपुर में पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर तैनात रह चुके हैं और उन्होंने यहां की कानून व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में जन्मे श्री अशोक मुथा जैन ने वाणिज्य में स्नातक की पढ़ाई के बाद भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ से विपणन और वित्त में प्रबंधन डिग्री प्राप्त की। 28 दिसंबर 1995 को उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में प्रवेश किया। करियर की शुरुआत वाराणसी में नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी सिटी) के रूप में हुई, जहां उन्होंने अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय योगदान दिया।
इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद, कानपुर, इटावा, जौनपुर, फर्रुखाबाद और ललितपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया। गोरखपुर, फैज़ाबाद और सहारनपुर में वे डीआईजी के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं।
केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्होंने नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो में उप महानिदेशक के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत तथा शाहरुख़ ख़ान के पुत्र आर्यन ख़ान से जुड़े बहुचर्चित मामलों की जाँच की। उनकी रणनीतिक सोच, कानूनी समझ और प्रशासनिक क्षमता ने उन्हें एक कुशल एवं प्रभावी जाँच अधिकारी के रूप में प्रतिष्ठित किया है।
गोरखपुर से उनका पुराना नाता रहा है। डीआईजी रहते हुए उन्होंने शहर में अपराध नियंत्रण और पुलिस प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में कई पहल की थीं। अब एक बार फिर उनकी वापसी से पुलिस महकमे में सकारात्मक बदलाव की आशा की जा रही है।