गोरखपुर।गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह पुलिस और लुटेरों के बीच फिल्मी अंदाज में मुठभेड़ हुई। इस कार्रवाई में पुलिस ने दो शातिर बदमाशों को घायलावस्था में गिरफ्तार किया। दोनों के पैरों में गोली लगी है और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पुलिस अभिरक्षा में उनका इलाज चल रहा है।
मुठभेड़ में पकड़े गए बदमाशों की पहचान औरैया जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित नारामनपुर निवासी शिवा जाटव और अश्वनी कुमार के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, शिवा के दाहिने पैर और अश्वनी के बाएं पैर में गोली लगी है।
यह दोनों आरोपी हाल ही में गीडा क्षेत्र में हुई एक सनसनीखेज लूट की घटना में वांछित थे। 31 जुलाई की रात कालेसर जीरो प्वाइंट के पास ढाबा संचालित कर रहीं सुमित्रा तिवारी के साथ लूटपाट की गई थी। घटना के वक्त वह ढाबे पर बैठी थीं, तभी सफेद बाइक पर सवार दो युवक वहां पहुंचे। एक ने पानी की बोतल ली, पैसे दिए और जाते-जाते सुमित्रा के गले से सोने की चेन झपट ली। साथ ही उनका मोबाइल भी छीन लिया और तमंचा दिखाते हुए धमकी देकर फरार हो गए।
पीड़िता द्वारा घटना की सूचना दिए जाने के बाद गीडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर आरोपियों की पहचान की गई और उनकी तलाश में पुलिस सक्रिय हो गई।
शनिवार सुबह पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दोनों आरोपी गीडा क्षेत्र के देईयापार मोड़ के पास देखे गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली। इसी दौरान सफेद बाइक पर सवार दोनों आरोपी वहां से गुजरते दिखे। पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन आरोपियों ने उल्टा पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और भागने की कोशिश की।
पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें दोनों बदमाशों को पैर में गोली लगी और वे बाइक समेत गिर पड़े। इसके बाद उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उनके पास से एक तमंचा, कारतूस और घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद की है।
ढाबा संचालिका सुमित्रा तिवारी ने बताया कि उनके पति अशोक तिवारी के निधन के बाद वह अकेले ढाबा चला रही हैं। वारदात के वक्त वह काफी डर गई थीं। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से अब उन्हें राहत महसूस हो रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपी पहले भी कई बार जेल जा चुके हैं और उन पर लूट, चोरी व अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। उनके आपराधिक नेटवर्क की जांच की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई भी प्रचलित है।