जौनपुर राष्ट्रीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जमुहाई के सांस्कृतिक क्लब द्वारा नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय के मुख्य मंच पर अत्यंत हर्षोल्लास के साथ किया गया। प्रतियोगिता में छात्र‑छात्राओं ने शास्त्रीय, लोक और आधुनिक नृत्यों की विविध प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।कार्यक्रम का आरंभ मंगलाचरण से हुआ। इसके पश्चात प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ। शास्त्रीय नृत्य में कथक और भरतनाट्यम की लयबद्ध मुद्राओं ने सभागार को भारतीय परंपरा की धरोहर से जोड़ दिया। भोजपुरी, राजस्थानी और पंजाबी लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने वातावरण को उल्लास से भर दिया, जबकि आधुनिक नृत्य की ऊर्जावान प्रस्तुतियों ने युवाओं की सृजनशीलता और उत्साह को प्रदर्शित किया।छात्रों ने अपने अभिनय, ताल और लय से न केवल नृत्यकला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि सांस्कृतिक विविधता की सुंदर झलक भी प्रस्तुत की। समूह नृत्य में तालमेल और एकता की भावना साफ दिखाई दी। दर्शकों ने हर प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट से छात्रों का उत्साहवर्धन किया।इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. मिथिलेश पांडे ने अपने उद्बोधन में कहा कि नृत्य केवल शारीरिक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि भाव, लय और अनुशासन का संगम है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ छात्रों के आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।सांस्कृतिक क्लब के संयोजक डॉ. प्रशांत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय नृत्यकला हमारी संस्कृति की आत्मा है। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय और लोक नृत्य हमारी जड़ों को सहेजते हैं, जबकि आधुनिक नृत्य हमें बदलते समय के साथ तालमेल बैठाना सिखाते हैं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे कला को आत्मअनुशासन और समाजसेवा का माध्यम बनाएं।निर्णायक मंडल ने प्रस्तुति, भावाभिव्यक्ति, लय और तालमेल के आधार पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया। अंत में विजयी छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के इस अवसर पर डॉ. कुंवर दिलीप प्रताप सिंह, डॉ. कमलेश कुमार सिंह, डॉ. तेजप्रताप सिंह, डॉ. अजय सिंह, डॉ. राकेश कुमार, डॉ0 सोहनलाल, डॉ0 बिटर भैया सहित अन्य गणमान्यजनों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।