गोरखपुर।गोरखपुर शहर के प्रसिद्ध भोजनालय बिरयानी बे में गुरुवार रात एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। यहां भोजन करने आए 12 युवकों के एक समूह ने भोजनालय पर गंभीर धार्मिक आरोप लगाते हुए बवाल खड़ा कर दिया, लेकिन जब भोजनालय प्रबंधन ने निगरानी कैमरे की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक की, तो सच्चाई कुछ और ही निकली।
मामले के अनुसार, 31 जुलाई की रात लगभग 12 से 13 युवकों का एक समूह भोजनालय पहुंचा। इनमें से चार युवकों ने शाकाहारी थाली मंगवाई, जबकि बाकी साथियों ने मांसाहारी व्यंजन, विशेष रूप से चिकन बिरयानी का आनंद लिया। भोजन समाप्त होने के पश्चात बिल चुकाने से बचने के लिए इन युवकों ने एक चाल चली। जिन युवकों ने चिकन बिरयानी खाई थी, उन्होंने चिकन की हड्डियाँ शाकाहारी थाली में डाल दीं और फिर यह आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझकर शाकाहारी थाली में मांसाहारी सामग्री परोसी गई है।
युवकों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और सावन के पवित्र महीने में “धर्म भ्रष्ट” करने का गंभीर आरोप लगाते हुए भोजनालय में जोरदार हंगामा किया। मामला बढ़ता देख भोजनालय प्रबंधन ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और पूरी घटना की निगरानी कैमरे की रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंप दी।
निगरानी कैमरे की रिकॉर्डिंग में साफ तौर पर देखा गया कि एक युवक ने खुद अपनी थाली से चिकन की हड्डी उठाकर शाकाहारी थाली में डाली थी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि पूरा विवाद पहले से योजनाबद्ध था और भोजनालय को बदनाम करने तथा बिल से बचने के लिए यह साजिश रची गई थी।
इस घटना के सामने आने के बाद बिरयानी बे भोजनालय को सामाजिक माध्यमों पर लगे झूठे आरोपों से राहत मिली है। भोजनालय के स्वामी ने बताया कि इस प्रकार के षड्यंत्र न केवल उनके व्यवसाय की छवि को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि धार्मिक भावनाओं से भी खिलवाड़ करते हैं।
प्रशासन द्वारा युवकों की पहचान कर ली गई है और उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।
यह घटना दर्शाती है कि तकनीक, विशेषकर निगरानी कैमरे, किस प्रकार सच्चाई को उजागर करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। साथ ही यह भी सीख है कि धार्मिक भावनाओं को हथियार बनाकर किसी निर्दोष पर झूठे आरोप लगाने की साजिश को समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
बाइट..गोरखपुर थाना कैण्ट क्षेत्राधिकारी योगेन्द्र सिंह बाइट