जौनपुर।गीता जयंती के अवसर पर गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर के संस्कृत विभाग में प्राचार्य प्रोफेसर रणजीत कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विचारगोष्ठी आयोजित हुई। विश्वविद्यालय की चल रही सेमेस्टर परीक्षा के कारण संक्षिप्त किये गये गीताजयंती के अवसर पर आयोजित ज्ञानयज्ञ में प्राचार्य प्रोफेसर पाण्डेय ने कहा कि आज से लगभग 5हजार वर्ष पूर्व मोक्षदा एकादशी के दिन भारतीय संस्कृति के महानायक लीलापुरुषोतम भगवान् श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र में विषादग्रस्त अर्जुन को जो कर्तव्योपदेश दिया था,
वह श्रीमद्भगवद्गीता और संक्षेप में गीता नाम से प्रख्यात हुआ। विश्व के इस सर्वश्रेष्ठ दर्शन का संसार के शीर्ष चिंतकों, विद्वानों, दार्शनिकों और वैज्ञानिकों ने मुक्तकंठ से गुणगान करते हुए सार्वभौम और सार्वकालिक गीताशास्र को मानवमात्र का अमूल्य धरोहर माना है, जिसके कुल 18 अध्यायों और 700 श्लोकों में समग्र जीवन दर्शन प्रस्तुत किया गया है।
शंकराचार्य,महात्मा गांधी,अमेरिकन संत थोरो आदि के द्वारा माता के रुप में स्वीकृत व पूजित सुगीता गीता को भारत के प्रधानमंत्री मोदी विश्व के लिए सर्वश्रेष्ठ उपहार मानते हैं।