गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद गोरखपुर द्वारा मनाए जाने वाले संस्थापक सप्ताह समारोह की अब तक किए गए तैयारी का निरीक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के मैदान में किए गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में आज विकास के पैमाने पर चमक रहे गोरखपुर की पहचान ज्ञान नगरी (नॉलेज सिटी) के रूप में भी है। 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर इस ज्ञान नगरी की नींव रखी थी योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने। उसकी संरचना को विस्तारित किया वर्तमान पीठाधीश्वर के पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रसार से राष्ट्रीयता, मूल्यपरकता और स्वावलंबन को मजबूत करने के दादागुरु और अपने गुरुदेव के संकल्पो को विभिन्न प्रकल्पों के विस्तार से पूरा करने का बीड़ा उठा रखा है योगी आदित्यनाथ ने।
गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों के सतत संकल्पित प्रयास का सुफल है कि आज महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की अगुवाई में गोरखपुर ज्ञान नगरी की ख्याति अर्जित कर चुका है।
सर्वविदित है कि गोरखपुर जनपद पूर्वी उत्तर, पश्चिमी बिहार तथा नेपाल की तराई तक करीब पांच करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है। एजुकेशन हब के रूप में विकसित गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद नौ दशक से अधिक समय से प्रकाश स्तम्भ की भूमिका में है। गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों ने इस स्तम्भ से प्रकाश पुंज का फैलाव निरंतर विस्तारित किया है। महाराणा प्रताप परिषद का प्राथमिक शिक्षा से लेकर निजी विश्वविद्यालय तक हो चुका विस्तार इसकी शैक्षिक सेवा यात्रा का साक्षी है।
उच्च व तकनीकी शिक्षा के लिए तीन क्रियाशील विश्वविद्यालय, आयुष चिकित्सा शिक्षा पद्धति के नियमन के लिए प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय, चिकित्सा शिक्षा के लिए एम्स और मेडिकल कॉलेज, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान, आईटीआई, नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज और प्राथमिक से लेकर महाविद्यालयों की फेहरिस्त इतनी लंबी की गिनने वाला थक जाए। किसी भी ज्ञान नगरी की यही तो पहचान होती है। यही पहचान आज गोरखपुर की है। इस पहचान को गढ़ने की शुरुआत नौ दशक पहले ही हो गई थी।
गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण के लिए गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने 92 साल पहले महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के रूप में बीजारोपण किया था। वह उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और तदनुक्रम में वर्तमान पीठाधीश्वर एवं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में वटवृक्ष बन चुका है। इस साल एमपी शिक्षा परिषद का 92वां स्थापना वर्ष है और गोरक्षपीठ का यह शैक्षिक प्रकल्प स्थापना के प्रथम वर्ष से ही ज्ञान की मशाल को अहर्निश प्रज्ज्वलित किए हुए है। आयुर्वेद कॉलेज से लेकर मेडिकल कॉलेज को समेटे महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय खुद महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का विस्तृत पड़ाव है