रिपोट हिमाशु यादव
जौनपुर। जनपद में 25 मई को लोकसभा चुनाव के तहत मतदान की प्रक्रिया खत्म होने के साथ अब चट्टी चौराहो पर जीत हार के कयास लगने लगे है। ईवीएम मशीन को स्ट्रांग रूम में जमा करने के दौरान एक डीसीएम पर लदी ईवीएम मशीन अचानक स्ट्रांग रूम स्थल पूर्वांचल विश्वविद्यालय पहुंचने पर जिला प्रशासन पर सवाल उठने लगे है। सपा के कार्यकर्ता और प्रत्याशी जम कर विरोध दर्ज कराये यहां तक कि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी किए। हलांकि जिला प्रशासन के आला अधिकारी सफाई देते रहे कि यह मशीन मतदान के समय खराब मशीनो के रिप्लेसमेंट के लिए विधान सभा क्षेत्र में गई थी कलेक्ट्रेट जाने के बजाय पूर्वांचल विश्वविद्यालय पहुंच गई, डीसीएम पर लदी मशीन कलेक्ट्रेट तो आ गयी लेकिन इस घटना के बाद अब जन मानस के बीच चर्चा करते हुए लोग जिला प्रशासन को सवालो के कटघरे में खड़ा कर रहे है।
मतदान प्रक्रिया खत्म होने के बाद जहां आम जनमानस सपा प्रत्याशी के जीत का दावा करते नजर आ रहे है वहीं पर भाजपा से संबंध रखने वाले अपनी गणित फिट करते हुए भाजपा प्रत्याशी को जिताने का आंकड़ा बता रहे है। आम जनमानस के बीच चल रही चर्चाओ से यह तो साफ हो गया है कि जौनपुर की दोनो लोकसभा सीटो पर सीधी लड़ाई सपा और भाजपा के मध्य हुई है। बसपा हर जगह लड़ाई से बाहर रही है। जनमत पर विश्वास करे तो सपा दोनो सीटो 73- जौनपुर एवं 74-मछलीशहर (सु) पर जीत की ओर अग्रसर है। भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ सकता है। असली फैसला तो गणना के बाद साफ होगा कि जनमत सही है अथवा गलत। मतदान के बाद इस तरह के कयास बाजी का दौर जनपद का हर एक आम और खास नागरिक कर रहा है।