हिमांशु यादव की रिपोर्ट
जौनपुर। जनपद में दीवानी न्यायालय के न्यायाधीश एवं पुलिस प्रशासन के बीच का टकराव अब सतह पर नजर आने लगा है। दीवानी न्यायालय के न्यायाधीश ने पुलिस अधीक्षक जौनपुर की बात अनसुनी कर अपरोक्ष रूप से फटकार लगाया तो पुलिस अधीक्षक जौनपुर ने भी दीवानी न्यायालय के न्यायाधीशो की सुरक्षा में लगे पुलिस जनो को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया है। वर्तमान समय में दीवानी न्यायालय के न्यायाधीश सुरक्षा विहीन हो गये है। इस तरह जिले में न्यायाधीश बनाम पुलिस की टकराहट शुरू हो गई है।
यहां बता दे कि विगत 17 फरवरी 24 को जनपद गाजीपुर से कुख्यात एवं बड़ा ठग दीवानी न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी की कोर्ट में पेशी पर आया था। अपराधी के खिलाफ चार्ज बनना था लेकिन अभियुक्त के अधिवक्ता के एक प्रार्थना पत्र के कारण न्यायाधीश ने मुकदमें में तारीख लगाते हुए 27 फरवरी को पेशी का आदेश दिया। इसकी खबर लगने के बाद पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा स्वयं पुलिस बल के दीवानी न्यायालय पहुंच गए और न्यायाधीश शरद त्रिपाठी के समक्ष पहुंच कर अभियुक्त का चार्ज बनाने को कहने लगे। इतना सुनने के बाद न्यायाधीश नाराज हुए और कहा कि पुलिस बल के कोर्ट के अन्दर वह भी न्यायाधीश के चैम्बर में घुसना उचित नहीं अपने सरकारी अधिवक्ता के जरिए बात करे और मुकदमें की तिथि तय हो चुकी है। उसी समय विचार होगा।
न्यायाधीश की बात सुनने के पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा तत्काल कोर्ट से बाहर हो गए और अपने कार्यालय पहुंचने के पश्चात 17 फरवरी 24 को ही दीवानी न्यायालय के न्यायाधीशो की सुरक्षा में लगे सभी पुलिस जनो को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया।