लखनऊ-भारतीय संस्कृति मूल में कोई भूल स्वीकार नही करती है।भगवान के प्रदेश और भारत से अच्छा देश इस धरती पर कहीं नही है,पूज्यश्री ने लखनऊ कथा में अपने अनुभवों को व्यक्त करते हुए कहा कि, लोक मान्यताओं को मानकर चलने पर हम धन्य हो जाएंगे।मर्यादा पुरूषोत्तम ने कोई भी युद्ध, रक्तपात अपने देश में नही किया।घर का त्याग करना बहुत ही कठिन होता है।पूज्यश्री ने असहमति जताते हुए कहा. कथाकारों के नाम के आगे अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक लिखना बंद होना चाहिए।अयोध्या सीताराम जी की प्यारी रजधानी लागे रजधानी लागे..इस भजन को सुनाकर श्रीअवध की महिमा से श्रोताओं को आसानी से अवगत करवाते हुए प्रेरक मानस प्रेम सूत्र प्रदान करते हुए कहा कि,
मायापति में लगने वाले को माया उलझाती नही है।पूज्यश्री ने बाल लीला प्रसंग पर सुप्रसिद्ध भजन.. सरजू के तीर खेलैं रघुनंदन बबुआ..की प्रस्तुति से जनमानस को भावविभोर कर दिया।
यज्ञोपवीत के पश्चात भगवान गुरूकुल पढ़ने गए।संस्कार की जो भी व्यवस्था है भगवान ने उसका पूरी तरह पालन किया इसीलिए ये मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।भजन और भोजन में संस्कार का पालन अवश्य होना चाहिए।चलते-चलते भोजन,गोरस और जल का सेवन कभी नही करना चाहिए।विद्या अध्ययन करने वाले को सूर्य दर्शन अवश्य करना चाहिए, चालाकी से डूबते सूरज का दर्शन करने वाला स्वयं डूब जाता है।श्रेष्ठ और सक्षम को सभी अपने साथ ले जाना चाहते हैं।राम रखने की सामग्री हैं, देने की नही।
कतार लगवाकर मंत्र देने वाले गुरूओं को जेल काटना पड़ता है, अतः लोगों को कतार में लगकर ऐसे गुरूओं से मंत्र लेने से बचना चाहिए।विश्वामित्र जी के अवध आगमन पर चक्रवर्ती के राम प्रेम का मार्मिक चित्रण करते समय,पूज्यश्री द्वारा राघव को मै न दूँगा.. मुनिनाथ मरते-मरते.. इस भजन को सुनाते ही श्रोताओं की आँखे प्रेमभाव से नम हो गयीं।पूज्यश्री ने अपने मानस प्रवाह में भक्ति की सिद्धी हेतु लोगों को सचेत करते हुए कहा कि,केवल मूर्ति पूजा से काम नही चलेगा, भगवान में बाल भाव को सिद्ध करने पर भगवान स्वयं बोलने लगते हैं।तड़का सहित राक्षसों के उद्धार प्रसंग के आश्रय में पूज्यश्री ने कहा कि गुरू की अनुकूलता में रहने वाले शिष्य में सद्गुरू चाहे तो सौ वर्षों की तपस्या उड़ेल सकता है।अहिल्या उद्धार कथा के पश्चात पावन प्रेम की नगरी मिथिला का मनमोहक वर्णन पूज्यश्री ने सुप्रसिध्द भजन मिथिला शहर गुलज़ार हो शहर मिथिला.. की प्रस्तुति से लोगों को आनन्दित कर दिया।पूज्यश्री ने मिथिला के लोगों को अनंत प्रेमी बतलाते हुए सर्वकाल वंदनीय भी कहा।
ममता चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में गोमती नगर विस्तार.. लखनऊ में पूज्यश्री के व्यासत्व में चल नौ दिवसीय श्री रामकथा के चतुर्थ दिवस पर उमड़े जन सैलाब के मध्य उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री मा. केशव प्रसाद मौर्य जी, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री मा. ए. के. शर्मा जी एवं सहकारिता मंत्री मा. जे. पी. एस. राठौर जी भी अपनी उपस्थिति द्वारा कथा श्रवण का लाभ प्राप्त किया।