तेजीबाज़ार- (जौनपुर)-स्थानीय दिलशादपुर निवासी कमलाकर मिश्रा पूर्व प्रधान के आवास पर भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी महाराज के भात (प्रसाद) कार्यक्रम के उपलक्ष्य में सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा आयोजन के पांचवें दिन की कथा में कथावाचक पंडित श्रीप्रकाश चन्द्र “विद्यार्थी” महाराज जी ने आज की कथा में पूतना के उद्धार की कथा सुनाते हुए कहा कि जब तक कपट रहेगा भगवान की कृपा नही होगी और जब कोई कपट त्याग करके अनुराग प्रेम तथा निर्मल हृदय से भगवान की शरण में जाता है तो भगवान उसका उद्धार करते हैं उसका कल्याण भगवान अवश्य कर देते हैं, जब यशोदा माता कन्हैया को ओखली में बांधने लगी तो अपने ज्ञान विवेक व चतुराई की रस्सियों से उन्होंने बांधा, पर भगवान नहीं बधे, वहीं जब माता यशोदा भगवान श्री कृष्ण को ज्ञान, बुद्धि, चतुराई और विवेक की रस्सियों को त्याग कर प्रेम की रस्सियों से बांधने लगी तो भगवान प्रेम की रस्सी से बड़े ही शीघ्रता से बध गए, भगवान श्री कृष्ण ने संदेश दिया कि अगर भगवान को पाना है तो अपने जीवन से तर्क, वितर्क व ज्ञान का अभिमान त्याग दें क्योंकि भगवान प्रेम से प्राप्त होते हैं, उन्होंने कहा है “रामहिं केवल प्रेम पियारा जान लेहिं जो जानन हारा” इस तरह के सकट बंधन, पूतना उद्धार, यमलारजन उद्धार तक की चर्चा किया।
कथा के तत्पश्चात बड़े ही विधि- विधान से पूजन अर्चन किया गया, लोगों ने भगवान की आरती उतारी, विद्यार्थी महाराज जी ने अपने मुखारविंद से आरती गीत गाया जिसपर पंडाल में उपस्थित महिलाएं, पुरुष युवक, युवतियां भक्तिगीत पर ताल मिलाकर खूब थिरके,
आरती पूजन के बाद श्रोताओं में अयोजककर्ता दयाकर मिश्रा द्वारा प्रसाद वितरण किया गया।
इस मौके पर जपाकर मिश्रा, अध्यापक उमेश चतुर्वेदी,कृष्णाकर, अच्छेलाल सिंह, रामभक्त मुकेश मिश्रा, बाबूल मिश्रा, बेदाकर, मोनू, राजेश, सन्तोष, फूलचन्द्र, सुभाष चन्द्र, सन्दीप पत्रकार, विनोद सेठ, गुड्डू, शशिकर, रविकर सहित सैकड़ों भक्तगण कथा का रसपान करने के लिए उपस्थित रहे।