गोरखपुर। नाथपंथ के अधिष्ठाता गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि गोरक्षपीठ मां शक्ति की पूजा के लिए तैयार है। शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा रविवार, 15 अक्टूबर को गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम 5 बजे शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे। इसके साथ ही विशेष अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे।
गुरु गोरक्षनाथ, जहां भगवान शिव के अवतार हैं। लिहाजा नाथपंथी योगी शैव मतावलम्बी हैं, लेकिन गोरक्षपीठ में शिव के साथ शक्ति की आराधना की अद्भुत परंपरा है। मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में पूरे नवरात्र अनवरत साधना चलती है। नवरात्र की पूर्णाहुति पर राघव अर्थात भगवान राम का राजतिलक करने की परंपरा अन्यत्र नहीं दिखती। विजयादशमी (दशहरा) पर राघव का राजतिलक करने के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर खुद मौजूद रहेंगे।
गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ बताते हैं कि शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा पर रविवार शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में परम्परागत कलश यात्रा निकलेगी। यह यात्रा मंदिर के परम्परागत सैनिकों की सुरक्षा में निकलेगी जिसमें सभी साधु-संत, पुजारी, योगी, वेदपाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे। कलश यात्रा में शिव, शक्ति और बाबा गोरखनाथ के अस्त्र त्रिशूल को मंदिर के मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ लेकर चलते हैं। परंपरा के अनुसार त्रिशूल लेकर चलने वाले को 9 दिन मंदिर में ही रहना होता है। भीम सरोवर के जल से मठ के प्रथम तल पर कलश की स्थापना कर सीएम योगी आदित्यनाथ मां भगवती की उपासना करेंगे।
मातृ स्वरूप में कन्याओं के पांव पखारेंगे योगी नौ दिन व्रतोपासना की पूर्णाहुति हवन और कन्या पूजन से होती है। 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ कन्याओं का मातृ स्वरूप में पूजन कर उनके पांव पखारेंगे। बटुक भैरव के रूप में कुछ बालक भी इस पूजन अनुष्ठान में शामिल होंगे।