स्वैच्छिक रक्तदान कर रक्तदान के प्रति युवाओं को किया प्रेरित, समाज के समक्ष अनूठी मिसाल
भरतपुर- सरकार के द्वारा जहां बालिका संरक्षण के लिए समय-समय पर प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं अभिभावक भी अब बेटे-बेटी में कोई भेद नहीं समझते हैं। इसी कड़ी में एक अनूठी पहल एक पिता ने की है, जिसको सुन हर कोई हैरान गौरवान्वित हो रहा है। सामाजिक कार्यो मे पिछले 8 साल से सक्रिय युवाओं के प्रेरणास्रोत समाजसेवी राहुल मदेरणा ने अपनी बेटी के जन्म पर अनोखे अंदाज में खुशी मना कर समाज के युवाओं को स्वैच्छिक रक्तदान का संदेश दिया। मदेरणा ने बताया कि समाज में लड़का पैदा करने की इच्छा को ज्यादा अहमियत दी जाती है, आज भी देश के कई क्षेत्रों में लड़कियों को शाप या बोझ ही माना जाता है और उनके जन्म के साथ ही उनकी हत्या कर दी जाती है। वर्तमान समय में आज लड़किया हर क्षेत्र में लड़कों से बेहतर खुद को साबित कर रही है एवं अपनी मेहनत और लगन की वजह से परिवार के साथ साथ समाज को गौरवान्वित भी कर रही है। मदेरणा द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान के माध्यम से खुशी के मौके पर परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, यार-दोस्तों को अधिक से अधिक जोड़ने का प्रयास रहता है, जिससे कि हम अपने पारिवारिक उत्सवों को सामाजिक सरोकारों से जोड़कर मनाते रहें। लोगो को अपने घर या परिवार के किसी भी शुभ कार्य में सभी को बढ़ चढ़ कर रक्तदान करना चाहिए। परिवार में ऐसे उत्सवों से ज्यादा खुशी मिलती है। लोहागढ़ ब्लड बैंक के संस्थापक डॉ धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मदेरणा की यह अनोखी पहल लोगों में जागरूकता लाएगी। इससे बेटियों के संरक्षण का सकारात्मक संदेश तो समाज मे जाता ही है साथ ही किसी जरूरतमंद की जिंदगी बचाने में भी मदद मिलती है। ऐसे प्रेरणादायक कार्य से आम जनमानस जागरूक होने के साथ-साथ हम दूसरों को जीवन देने का भी कार्य करते हैं। लोहागढ़ ब्लड बैंक संस्थापक डॉ धर्मेंद्र सिंह व लोकेंद्र सिंह द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान करने पर मदेरणा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सुरेंद्र सिंह, दीपक शर्मा, पवन चौधरी, रिंकू तेराहियाँ आदि लोग मौजूद रहे।