अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर।गोरखपुर जिले में 200 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अब मानसिक स्वास्थ्य के रोगियों के भी मददगार बनेंगे। इस संबंध में उन्हें एनेक्सी भवन सभागार में शनिवार को संवेदीकृत किया गया । विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह की कड़ी में हुए इस संवेदीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ विधानपरिषद सदस्य डॉ धर्मेंद्र सिंह ने गुब्बारा उडा कर किया । वह पूरे कार्यक्रम का हिस्सा बने। उन्होंने हस्ताक्षर अभियान का भी शुभारंभ किया।
विधान परिषद सदस्य ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की मंशा है कि समाज स्वस्थ हो ताकि देश आगे जाए। समुदाय के स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में सीएचओ की अहम भूमिका है। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों से सीएचओ को जोडने से समुदाय को काफी लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में सीएचओ को बताया गया कि नकारात्मक विचार या हीन भावना आना, कम या ज्यादा सोना और अक्सर उलझन व घबराहट महसूस करना आदि से यदि कोई ग्रस्त है तो उसे तत्काल चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता है। एक ही विचार मन में बार बार आना, एक ही कार्य करने की बार-बार इच्छा होना, डर लगना, अनावश्यक शक होना, कानों में आवाज आना, मोबाइल या किसी नशे का लत होना आदि भी मानसिक रोग के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण वाले लोगों की स्क्रिनिंग करें और उन्हें जिला अस्पताल में चलने वाली मानसिक रोग की ओपीडी में भेजें। ऐसे रोगियों को उन निकटतम सीएचसी और पीएचसी पर भी भेजा जा सकता है कि जहां राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम जाती है।
इस मौके पर सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि इस वर्ष 10 अक्टूबर को मनाए गये विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को वैश्विक प्राथमिकता बनाएं थी। इसे साकार करने के लिए आवश्यक है कि अगर मानसिक रोग के लक्षण दिखें तो बिना देरी और संकोच के अस्पताल की मदद ली जाए। जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी, चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित शाही, नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ रामेंद्र त्रिपाठी, साइकिट्रिक सोशल वर्कर संजीव, साइकिट्रिक नर्स विष्णु शर्मा और कम्युनिटी नर्स प्रदीप वर्मा की टीम न केवल जिला अस्पताल में बल्कि आऊटरीच क्षेत्रों में भी जाकर सेवाएं दे रही है। मानसिक रोगियों और खासकर अवसाद के रोगियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9336929266 प्रत्येक कार्य दिवस में सक्रिय रहता है, जिस पर फोन करके आवश्यक मदद ली जा सकती है ।