मण्डल हेड गिरजा शंकर निषाद की रिपोर्ट
जौनपुर। लाइनबाजार थाना क्षेत्र के सैदनपुर गांव का निवासी एक व्यक्ति पिछले करीब छह वर्षो से भू-माफियाओं की चंगुल से अपनी जमीन वापस पाने के लिए कोर्ट कचेहरी का चक्कर काट रहा है। राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों के चक्कर काटते काटते उसकी चप्पले घीस जाने के बाद भी उसे न्याय मिलना तो दूर पीड़ित परिवार को जेल जाने तक की नौबत आ गयी।
लाइनबाजार थाना क्षेत्र सैदनपुर गांव के निवासी सोहन लाल ने मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति बताया कि उसकी पांच बीघा जमीन को भू-माफियाओ ने 24 अप्रैल 2015 को पहले परिवार रजिस्टर में फर्जी नाम दर्ज कराया उसके बाद फर्जी वोटर आईडी बनाकर कई किस्तो उसकी जमीन को बेच दिया गया।
जब मुझे इसकी जानकारी हुई तो मैने एसडीएम से लेकर डीएम तक गुहार लगायी लेकिन उस समय यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, ये भू – माफिया सरकार के एक नेता के करीबी थे जिसके कारण मेरी कोई सुनवाई नही हुई।
2017 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी, सरकार ने एण्टी भू माफिया अभियान चलाया तो मुझे न्याय की आस जगी। मैने पुनः प्रार्थना पत्र दाखिल करके न्याय की गुहार लगाया तो अधिकारियों द्वारा उल्टा भू माफियाओं से 21 जून .2019 , 6 जून 2019 और 13 जुलाई 2019 को भू माफियाओं के पक्ष में नामांतरण कर दिया गया जब मैं प्रार्थना पत्र दाखिल करके न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई तो संबंधित अधिकारियों ने किन्ही कारणों से भू माफियाओं के पक्ष में फैसला देते रहे। इस केस को एसडीएम सदर के न्यायालय में स्थानांतरण प्रार्थना पत्र भू माफियाओं ने एक बार नहीं 3 बार एसडीएम सदर एवं एक बार जिलाधिकारी के न्यायालय में स्थानांतरण प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते रहे। पहला स्थानांतरण प्रार्थना पत्र 12 फरवरी 2020 एसडीएम सदर तथा दूसरा 8 अक्टूबर 2020 तथा तीसरा 9 फरवरी 2021 तथा जिलाधिकारी के यहां 23 मार्च 2021 उसके बाद कूट रचित तरीके से भू माफियाओं ने एसडीएम के न्यायालय में मेरी पत्रावली तलब करवा लिया।
सोहन लाल ने यह भी आरोप लगाया कि न्यायिक अधिकारी पूरी तरह से भू माफियाओं के दबाव में आकर उनको तरह-तरह से बचाने का प्रयास करते हैं, हमारी जमीन कब्जा कराने पर उतारू हैं जान माल की रक्षा करें।
मेरे इस पत्र को मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने का कष्ट करें जिससे उपरोक्त भू माफिया जो आज खुलेआम घूम रहे हैं और न्याय के कुर्सी पर बैठकर अन्याय करने वाले अधिकारी तथा इन लोगों को संरक्षण देने वाले नेता के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही हो सके।