- लकड़ी कटान का सिलसिला चरम सीमा पर आखिर क्यों बेबस दिख रहा तहसील मुसाफिर खाना का वन विभाग।
वसीम अहमद की रिपोर्ट
बाजारशुक्ल,अमेठी-एक ओर जहां प्रदेेेेश की योगी सरकार वन संरक्षण को बढ़ावाा देकर पौधरोपण करके पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है तो वहीं दूसरी
तरफ तहसील मुसाफिर खाना का वन विभाग कागज के चन्द टुकड़ों की खातिर हरे भरे पेड़ो पर आरा चलवाकर अपनी जेब भरने में लगा हुआ हैं जिस पर जनपद के उच्चाधिकारियों से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक रोंक लगा पाने में नाकाम दिखाई पड़ रहे हैं।
विवरण के अनुसार थाना बाजारशुक्ल थाना क्षेत्र के अन्तर्गत अाने वाले गावों मे इस समय बढ़ती ठंड का फायदा लकड़ी माफिया उठा रहे है और लकड़ी धड़ल्ले से काटने मे मस्त हे जिनके सामने स्थानीय पुलिस व वन विभाग नतमस्तक दिखाई दे रहा है इस समय कुछ ऐसे गाँव चिन्हित हैं जैसे महोना पशिचम,महोना पूरब,जौदिल मऊ,नांदी,बदल गढ़,सत्थिन,हुसैनपुर,सेवरा,ऊँचगांव,आदि गांव मे लकड़ी की काटान चरम पर है और जो काटे जाते हैं जैसे नीम,सीशम,सहगवन,आम,जामुन,महुआ,हरे व फलदार पेड़ को स्थानीय पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत के चलते काटवा दिया जाता हैं। वहीं शिकायत के बाद सम्बंधित वन विभाग द्वारा जांच के नाम पर की गई मामूली खानापूर्ति करके वन माफियाओं को हरे पेंड को रोग ग्रसित व फल विहीन बताकर चन्द कागज के टुकड़ों की खातिर परमिट भी जारी कर दिया जाता है इतना ही नही किसानों से औने पौने दामों में पेंड खरीद कर हरियाली विनाश करने में जुटे हुए है लकड़ी माफिया जब कि पेड़ों को देखकर सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि पेंड पूरी तरह से हरे भरे व स्वस्थ्य दिखाई देते है। इसी तरह वन विभाग द्वारा आधी अधूरी कार्यवाही करके व परमिट जारी करके आये दिन हरे पेड़ों की कटान को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्थानीय पुलिस अपना हिस्सा लेकर अपना राग अलाप रही है । फिलहाल इस समय तहसील मुसाफिरमखाना वन रेंज क्षेत्र में पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से हरे पेड़ों पर खुले आम लकड़ी माफियाओं द्वारा आरा चलाया जा रहा है जिस पर जनपद से लेकर प्रदेश तक के सम्बंधित विभाग के अधिकारी भी लकड़ी माफियों पर अंकुश लगाने में नाकाम दिखाई पड़ रहे हैं।