विवेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट
सुलतानपुर। भदैंया सरकारी खाद्य गोदाम पर हावी खाद्यान्न माफियाओं पर नकेल कसने में आपूर्ति एवं विपणन महकमा नाकाम साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद भी गरीबों के हिस्से के अनाज में खाद्यान्न विभाग चोरी करने व करवाने से बाज नहीं आ रहा है। सरकारी अनाज के गोदामों में घटतौली का खेल बदस्तूर जारी है। बोरियों में कम तौल के चलते कोटेदार भी परेशान हैं।
शासन के निर्देशानुसार गोदाम से कोटेदारों की दुकान तक राशन की डिलीवरी होना चाहिए, लेकिन यह नियम भदैंया गोदाम में लागू नहीं है। ऐसे में कोटेदारों को खुद गोदाम से राशन ले जाना पड़ता है। राशन ढुलाई का रुपया भी उन्हें नहीं मिलता। हर एक लाभार्थी तक पूरा राशन पहुंचाने के लिए जरूरी है कि कोटेदारों को भी पूरा राशन मिले और उनकी दुकान तक राशन भी पहुंचे, लेकिन जिले की भदैंया गोदाम में ऐसा नहीं हो रहा है। कोटेदार अपने घाटा को पूरा करने के लिए लाभार्थियों के हिस्से का अनाज डकार रहे हैं। इतना नहीं इस महीने राशन का उठान करने वाले कोटेदारों को नमक, साबुन, तेल और चना वितरण का पीएम मोदी और सीएम योगी का तस्वीर छपा बैनर 200-200 रूपये में बेचा गया है। जबकि इसकी वास्तविक मूल्य बाजार में 50 के आसपास बताई जा रही है। अपना दर्द बयां करते हुए कोटेदारों ने कहाकि कई बार पूर्ति निरीक्षक से शिकायत की गई। जिलापूर्ति अधिकारी से भी समस्या बताई जा चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। कोटेदारों का कहना है कि 1200-1500 रूपया राशन ढुलाई का टैªक्टर भाडा देना पडता है। किराया तो मिलना दूर, राशन बांटते समय कम से कम चार क्विंटल राशन कम निकलता है। ऐसे में घाटा पूरा करने के लिए इसी राशन से निकाला जाता है। अनाज चोरी के मामले में जब भदैंया गोदाम प्रभारी से जानकारी करने के लिए कई बार फोन मिलाया गया, लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।